पार्टी और परिवार को टूट से बचाने का राबड़ी ने संभाल लिया है जिम्मा, रूठों को मनाने की हो रही कोशिश
सिटी पोस्ट लाइवः बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी पहचान यह भी है कि वो राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की पत्नी हैं। लालू जेल में हैं और उनके जेल जाने के बाद पार्टी और परिवार पर जो संकट आया है उससे उबारने के का जिम्मा अब राबड़ी देवी के कंधो पर हीं है। चुनाव में पार्टी की करारी हार, तेजप्रताप की बगावत, तेजस्वी की की नाराजगी, उनका अज्ञातवास और तेजप्रताप यादव के रवैये से पार्टी के बड़े नेताओं में पनपता आक्रोश यह सबकुछ पार्टी और परिवार के हित में नहीं है, कुनबा बिखर न जाए इसलिए राबड़ी ने अब मोर्चा संभाल लिया है। एक तरफ तेजप्रताप यादव को भी वह मनाने की लगातार कर रही हैं ऐसा लगता है क्योंकि वो तेजप्रताप यादव के साथ हमेशा खड़ी नजर आती हैं दूसरी तरफ तेजस्वी के अज्ञातवास और पार्टी के अहम मौकों से उनकी गैरमौजूदगी का भी बचाव करती हैं साथ हीं तेजस्वी यादव जब सदन नहीं पहुंचते हैं तो राबड़ी देवी सरकार पर हमले की कमान संभालती हैं।
पार्टी के स्थापना दिवस समारोह में जब तेजस्वी नहीं पहुंचते तो राबड़ी मोर्चा संभालती हैं और न सिर्फ कार्यकर्ताओं में उत्साह फूंकने की कोशिश करती हैं बल्कि आगे की रणनीति भी बताती हैं साथ हीं मंच पर मौजूद पार्टी के बड़े नेताओं को पूरे बिहार में घूमने का टास्क भी देती हैं। जाहिर राबड़ी देवी न सिर्फ पार्टी और परिवार में बढ़ती दूरी को कम या खत्म करने की कोशिश कर रही हैं बल्कि इससे होने वाले नुकसान से पार्टी और परिवार को बचाने के लिए लगातार कोशिश करती नजर आ रही हैं।
हांलाकि राबड़ी देवी के लिए यह आसान चुनौती नहीं है क्योंकि हाल के दिनों में राजद के अंदरखाने से जो बयान सामने आये हैं उसने यह स्पष्ट कर दिया है कि राजद का कुनबे बिखरने की हद तक टूट चुका है। शिवानंद तिवारी तेजस्वी यादव को मांद में न छिपने की सलाह देते हैं, तेजस्वी यादव रामचंद्र पूर्वे के बहाने तेजप्रताप पर निशाना साधते हैं दूसरी तरफ मीसा भारती और शिवानंद तिवारी आपस में भिड़ जाते हैं जाहिर है सबकुछ इतनी जल्दी ठीक कर लेना आसान नहीं होगा लेकिन राबड़ी काफी मशक्कत कर रही हैं कि सबकुछ ठीक हो जाए।
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