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अंजना को न्‍याय दिलाने के लिए पीआईएल दायर करेंगे पप्‍पू यादव, सीबीआई जांच की मांग

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अंजना को न्‍याय दिलाने के लिए पीआईएल दायर करेंगे पप्‍पू यादव, सीबीआई जांच की मांग

सिटी पोस्ट लाइव : जन अधिकार पार्टी (लो) के संरक्षक और सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्‍पू यादव ने गया जिले पटवा टोली में अंजना हत्‍याकांड की सीबीआई जांच की मांग की है। सांसद ने आज गया के मानपुर के पटवा टोली जाकर अंजना के परिजनों से मुलाकात की। अपनी शोक संवेदना व्‍यक्‍त की। इस दौरान उन्‍होंने पीडि़त परिजनों को 25 हजार रुपये की आर्थिक मदद की। इसके साथ नीमा पटवा की तीन अन्‍य पुत्रियों के लिए 50-50 हजार रुपये फिक्‍सड कराने का वादा भी किया। गौरतलब है कि पिछले दिनों पटवा टोली निवासी तुराज प्रसाद उर्फ नीमा पटवा की 16 वर्षीया पुत्री अंजना कुमारी की अपहरण के बाद हत्‍या कर दी गयी थी।

शोकाकुल परिजनों से मुलाकात के बाद आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए सांसद ने अंजना हत्‍या कांड की सीबीआई जांच की मांग की। उन्‍होंने कहा कि बिहार में कोई सुरक्षित नहीं रह गया है। अपराध चरम है। जन अधिकार पार्टी (लो) अंजना के परिजनों को न्‍याय दिलाने के लिए संघर्ष करेगी। उन्‍होंने कहा कि अंजना का न्‍याय दिलाने के लिए हम दो दिनों के अंदर पीआईएल दायर करेंगे और न्‍याय के लिए लड़ेंगे। अगर 7 दिनों के अंदर मृतक अंजना के परिजनों को इंसाफ नहीं मिला तो पूरी मजबूती के साथ जन अधिकार पार्टी (लो) गया बन्द करेगी और इसके बाद भी इंसाफ नहीं मिली तो हम अनिश्चितकालीन भुख हड़ताल करेंगे।

वहीं, पत्रकारों से बातचीत में सांसद ने कहा कि गया में यह पहली घटना नहीं है और न ही बिहार में अब ये कोई नई बात रह गई है। और कितनी अंजना या प्रियांशु पटेल को इस निर्ममता से मारा जायेगा। नीतीश कुमार को बताना चाहिए कि क्‍या यही प्रदेश में सद्भावना है। उन्‍होंने बिना नाम लिए महागठंबधन के नेताओं पर भी हमला बोला और कहा कि पूर्व मुख्‍यमंत्री यहीं से आते हैं। उन्‍हें भी महागठबंधन में हाय तौबा करने की फुर्सत है, मगर उन्‍हें अंजना के लिए समय नहीं मिलता है। विपक्ष के दुलरूआ को यूपी जाने की फुर्सत है, मगर राज्‍य की बेटियों की सुरक्षा उनकी प्राथमिकता नहीं है। मैं पूछना चाहता हूं कि आखिर ऐसी घटनाओं की शिकार सिर्फ आम और गरीब लोग ही क्‍यों बनते हैं, क्‍यों नहीं नेताओं और पावर वालों के साथ ऐसा होता है।

सांसद ने प्रशासन पर इस मामले को डायवर्ट करने का आरोप लगाया और कहा कि अपनी जान बचाने के लिए डीएसपी ने इसे ऑनर किलिंग का रंग दिया है। जबकि सच्‍चाई यह है कि खुद डीएसपी ने पीडि़त के घर जाकर मारपीट की। अभी पीडि़त परिवार के लोगों ने मुलाकात के दौरान प्रशासन की दादागिरी की बात बताई, जिससे पूरा परिवार डरा हुआ है। उन्‍होंने पूछा कि इस घटना में आखिर जब पूरा मानपुर सड़क पर उतरा और मामला नेशनल न्‍यूज बनी, तब जाकर प्रशासन को ऑनर किलिंग का मामला नजर आता है। पहले वे कहां थे? हम इस पूरे मामले में निष्‍पक्षता से जांच चाहते हैं और अगर प्रशासिनक लोग इस मामले को रफा दफा करने में दोषी पाये गए तो उन पर कार्रवाई तय है।

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