सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में लोक सभा की कुल 40 सीटें पर बंटवारे को लेकर अब सत्ताधारी गठबंधन सरकार में बवाल मचने लगा है. उपेंद्र कुशवाहा के यदुवंशी (यादव समाज) का दूध और कुशवंशी (कुशवाहा समाज) के चावल वाले बयान के बाद सियासत बेहद गर्म हो चुकी है. जहां तेजस्वी यादव उनका स्वागत करने में जुटे हैं तो मांझी बिना शर्त पार्टी में शामिल होने का न्योता दे रहे हैं. राष्ट्रीय लोक समता पार्टी और केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा के बयान पर बिहार बीजेपी के अध्यक्ष नित्यानंद ने कहा कि दूध और चावल किसी जाति विशेष का नहीं बल्कि देश का है. उपेंद्र कुशवाहा ने भी सबको साथ लेकर चलने की बात कही है. उन्होंने कहा कि अब देश में जाति ही नहीं बल्कि गोत्र की भी बात नहीं होनी चाहिए. वहीं एनडीए के दूसरे सहयोगी दल एलजेपी के सुप्रीमो रामविलास पासवान कह रहे हैं कि ये खीर अभी नहीं पकानेवाली है. एनडीए की खिचडी ही पकेगी. उन्होंने रविवार को कहा कि एनडीए में कोई मतभेद नहीं है.बीजेपी-जेडीयू-एलजेपी और रालोसपा एक साथ चुनाव लड़ेंगें. सभी 40 सीटों पर जीत दर्ज भी करेंगे.बता दें राष्ट्रिय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने शनिवार शाम को महागठबंधन (राजद, कांग्रेस और हम) के साथ जाने के संकेत दे दिए हैं. पटना में एक कार्यक्रम के दौरान कुशवाहा ने कहा कि ” यदुवंशी (यादव समाज) का दूध और कुशवंशी (कुशवाहा समाज) का चावल अगर मिल जाए तो सबसे स्वादिष्ट खीर तैयार होगी. बिहार में जब इतने यादव हैं तो गंगा में दूध की कोई कमी नहीं होगी.” जाहिर है कुशवाहा एनडीए की खिचडी के मुकाबले के लिए यदुवंशी-कुशवंशी खीर पकाने लगे हैं. यानी वो एनडीए छोड़ महागठबंधन में जाने का संकेत देने लगे हैं. उपेंद्र कुशवाहा के इस बयान के बाद आरजेडी नेता तेजस्वी यादव से लेकर शिवानन्द तिवारी उपेन्द्र कुशवाहा को महागठबंधन में आने का न्यौता देने लगे हैं.
तेजस्वी यादव ने कहा कि “प्रेमभाव से बनाई गई खीर में पौष्टिकता, स्वाद और ऊर्जा की भरपूर मात्रा होती है. यह एक अच्छा व्यंजन है.”आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कुशवाहा के खीर वाले बयान का समर्थन करते हुए कहा कि उपेंद्र कुशवाहा अच्छे नेता हैं, लेकिन गलत जगह पर हैं. कुशवाहा एनडीए छोड़कर जल्द हमारे गठबंधन में आ जाएं. वे अगर हमारे साथ आएंगे तो हम खुले दिल से उनका स्वागत करेंगे.
वहीं पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा की महागठबंधन में एंट्री को लेकर दो टूक शब्दों में कहा कि अगर कुशवाहा को महागठबन्धन में आना है तो जल्द ही फैसला लें. मांझी ने कहा कि दो नाव की सवारी अच्छी नहीं होती है. उपेंद्र कुशवाहा सीएम पद के लिए लालायित हैं लेकिन महागठबन्धन में सीएम पद के लिये कोई वैकेंसी नहीं है. हम प्रमुख ने कहा कि कुशवाहा को बिना शर्त आना होगा फिर उनका स्वागत है. उन्होंने कहा कि हमें कोई डील बर्दाश्त नहीं है और तेजस्वी ही हमारे नेता हैं.
गौरतलब है कि इसबार जेडीयू के एनडीए में आ जाने से सीटों के बंटवारे को लेकर पेंच फंसा है कि बिहार में एनडीए बिखराव की तरफ बढ़ता दिख रहा है. एनडीए में खींचतान की सबसे बड़ी वजह जेडीयू है. दरअसल, जेडीयू राज्य में वह बड़े भाई की भूमिका में होने के नाते सबसे ज्यादा 25 सीटें मांग रहा है. एलजेपी और रालोसपा पिछले चुनाव में जीतनी सीटें मिली थीं, उससे कम पर मानने को तैयार नहीं हैं. पिछले महीने जब अमित शाह और नीतीश कुमार की मुलाकात हुई थी ,तब कहा गया था कि एक महीने के अंदर सबकुछ साफ़ हो जाएगा. लेकिन डेढ़ महीने के बाद भी तस्वीर धुंधली है. इस बीच जिस तरह से एनडीए की खिचडी के मुकाबले रालोसपा अध्यक्ष यदुवंशी दूध में कुशवंशी चावल डालकर राजनीतिक खीर पकाने का फार्मूला दे रहे हैं, उससे साफ़ जाहिर है कि एनडीए में बिखराव की संभावना बढ़ गई है.
https://archive.citypostlive.com/upendra-kushwaha-planning-to-join-mahagathbandhan/
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