ब्राहमण और दलित समाज की गोलबंदी में जुटी है जेडीयू के दो नेताओं की यह जोड़ी
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक नए राजनीतिक समीकरण बनाने में जुटे हैं. यह समीकरण बाकी दलों से थोडा नहीं बल्कि बहुत ही अलग तरह का है. शुरू से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए अति-पिछड़ा वर्ग वोट करता रहा है. आगे भी इस वर्ग की गोलबंदी उनके पक्ष में बना रहे इसके लिए मुख्यमंत्री ऐड़ी चोटी का जोर तो लगाए हुए हैं ही साथ ही वो दलित और ब्राहमण समाज को एकसाथ अपने पक्ष में खड़ा करने की रणनीति पर भी काम कर रहे हैं. इसी रणनीति के तहत उन्होंने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को पार्टी में दूसरा स्थान दे दिया है . इस काम में नीतीश कुमार ने अपने दूसरे भरोसेमंद सिपाही ,जेडीयू के प्रदेश उपाध्यक्ष ज्योति पाण्डेय को दलित नेता अशोक चौधरी के साथ लगा दिया है.
दुर्गा पूजा में ज्योति पाण्डेय और अशोक चौधरी यानी जेडीयू के इस ब्राह्मण और दलित नेता की जोड़ी पटना के हर पूजा पंडाल में एकसाथ नजर आई. जेडीयू के इस दलित ब्राहमण नेता के कॉम्बिनेशन से बीजेपी और कांग्रेस दोनों परेशान हैं. आरक्षण और एसी-एसटी एक्ट को लेकर नाराज सवर्ण समाज को अपने साथ लाने की जुगत में भिड़ी कांग्रेस जेडीयू के इस ब्राहमण-दलित समीकरण से परेशान है.आज दुर्गा पूजा पंडालों में जा जाकर लोगों से मिल रहे ज्योति पाण्डेय ने सिटी पोस्ट लाइव से कहा कि उनके नेता नीतीश कुमार जात पात की राजनीती नहीं करते. बिहार की जनता उन्हें उनके कार्यों की वजह से प्यार करती है.
आरजेडी द्वारा पूजा के मौके पर नीतीश कुमार को रावण के रूप में पोस्टर पर दिखाए जाने के सवाल पर ज्योति पाण्डेय ने कहा कि इससे तेजस्वी यादव का संस्कार का पता चलता है. एक लोकप्रिय मुख्यमंत्री को रावण के रूप में दिखाकर वो खुद हंसी के पात्र बन रहे हैं.ज्योति पाण्डेय ने कहा कि सवरण समाज विकास के साथ है इसलिए नीतीश कुमार के साथ है.कांग्रेस को सवर्ण और दलित समाज कई दशकों तक मौका देकर देख चूका है.उसने नीतीश कुमार के शासन काल को भी देखा है. अगर बिहार में मान सम्मान के साथ जीना है तो नीतीश कुमार के अलावा बिहार में और कोई दूसरा विकल्प नहीं है.
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