City Post Live
NEWS 24x7

नीतीश कुमार की चिड़ियाँ के बलबूते लालू यादव दे रहे हैं अपने विरोधियों को चुनौती.

-sponsored-

-sponsored-

- Sponsored -

नीतीश कुमार की चिड़ियाँ के बलबूते लालू यादव दे रहे हैं अपने विरोधियों को चुनौती.

सिटी पोस्ट लाइव : किसी जमाने में बिहार के मुख्यमंत्री twiter का मजाक उड़ाते हुए उसका अर्थ बताते थे- चहकना, चहचहाना यानी चूं चूं करना होता है.लेकिन जेल में बंद लालू यादव के लिए वहीँ चिड़ियाँ आज उनकी आवाज बन गई है. लालू यादव चारा घोटाले में सजायाफ्ता हैं. वो एक कैदी हैं. वो कोई चुनाव नहीं लड़ सकते, किसी से बात नहीं कर सकते, कोई राजनीतिक बयान नहीं दे सकते.लेकिन जिस चिड़िया का नीतीश कुमार ने मजाक उड़ाया, आज वहीँ लालू यादव की आवाज बन गई है. उसी चिड़िया के जरिये लालू यादव जेल में रहते हुए भी आजाद हैं. उस चिड़िया के बहाने उन्हें राजनीति करने का मौका मिल गया है.

लालू यादव की ताकत और आवाज बनी ये चिड़िया कोई और नहीं बल्कि twiter है जिसके जरिये लालू यादव बिहार की राजनीति में धमाल मचाये हुए हैं. लालू जेल में हैं लेकिन उनकी हर आवाज इस चिड़िया के जरिये देश की जनता के बीच पहुँच रही है. बिहार की राजनीति लालू यादव के बगैर फीकी हो जाती है.लेकिन  इस बार लालू की चिड़िया ने बिहार की राजनीति में वो हलचल मचाई है कि विरोधियों को इसका जवाब ढूंढना मुश्किल हो रहा है. चारा घोटाला मामले में जेल में बंद होने के वावजूद बिहार की सियासत में हर तरफ लालू ही लालू हैं. सुर्खियों में लालू, विरोधियों के निशाने पर लालू. सच कहें तो बिहार की राजनीति लालू से शुरू होती है और लालू पर ही जाकर खत्म हो जाती है.

जेल में बंद रहने के बावजूद लालू का एक ट्वीट बिहार की सियासत में वो हलचल मचाता है कि विरोधी अगले दो दिनों तक उस ट्वीट का जवाब ढूंढते रहते हैं. जेल से ही लालू की ‘चिड़िया’ आजकल वो कमाल कर रही है कि विरोधियों के होश उड़ गए हैं. झारखंड चुनाव से लेकर सीएए, एनपीआर और एनआरसी को लेकर भी लालू ने जो ट्वीट किए हैं वो विपक्ष के लिए अब तक सिरदर्द बने हुए हैं.

राजनीतिक पंडितों का कहना है कि लालू में आज भी  अकेले दम पर  विरोधियों के पसीने छुड़ा देने का  माद्दा रखते हैं. लालू एक जमीनी नेता हैं जिन्हें जनता के दिलों तक पहुंचने का वो हुनर पता है, जो किसी और दूसरे में नहीं. लालू यादव जब कोई ट्वीट करते हैं तो बिहार की सियासत में हलचल मच जाती है. ऐसे में अगर लालू 2020 के चुनाव से पहले जेल से बाहर आ जाते हैं जिसकी संभावना भी है तो फिर विरोधियों के लिए लालू बहुत बड़ी चुनौती बन जाएंगे.लालू एक कद्दावर नेता हैं जिन्हें राजनीति का वो हर दांव पता है जिससे वो कभी भी विरोधियों पर भारी पड़ सकते हैं. आज लालू अपनी चिड़िया के बलबूते ना सिर्फ अपने विरोधियों को चुनौती दे रहे हैं बल्कि समय-समय पर बिहार की सियासत का एजेंडा भी सेट कर रहे हैं.अब तो बिहार विधान सभा चुनाव की लड़ाई लालू बनाम नीतीश कुमार और बीजेपी की लड़ाई बन गई है.

- Sponsored -

-sponsored-

Subscribe to our newsletter
Sign up here to get the latest news, updates and special offers delivered directly to your inbox.
You can unsubscribe at any time

-sponsored-

Comments are closed.