नीतीश कुमार की दलितों से अपने बच्चों को पढ़ाने की एपील, कहा- शिक्षा से होगा दलित-महादलित समाज का उत्थान
सिटी पोस्ट लाइव : मुंगेर के पोलो मैदान में जेडीयू की ओर से आयोजित दलित-महादलित प्रमंडल स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दलित-महादलित लोगों से अपने बच्चों को पढ़ाने की अपील की है.उन्होंने कहा कि आपके बच्चों में ही आज का अंबेडकर जिंदा हैं. अगर बच्चे शिक्षित होंगे, तभी आपका और आपके समाज का विकास संभव है. उन्होंने सम्मेलन में उपस्थित लोगों से बच्चों को पढ़ाने के लिए संकल्प भी दिलवाया. उपस्थित जनसमूह ने नीतीश कुमार के संकल्प को दोहराते हुए कहा कि हम अपने बच्चों को अवश्य पढ़ाएंगे.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आए हुए कार्यकर्ताओं का धन्यवाद देते हुए कहा कि ऐसे सम्मेलन पहले जिला स्तर पर आयोजित हो रहा था, लेकिन अब यह प्रमंडल स्तर पर आयोजन करवाया गया है. इससे लोगों को योजनाओं के संबंध में जानकारी एवं लोगों से बातचीत के आधार पर नई योजनाओं की शुरुआत करने में मदद मिलती है. उन्होंने कहा कि 2005 में हमने न्याय यात्रा शुरू किया था और सबका साथ सबका विकास का कार्य आरम्भ किया. पहले शिक्षा के क्षेत्र में विद्यालय से दूर हो रहे बच्चों की संख्या को कम किया. दलित-महादलित के शिक्षा में विकास के लिए टोला सेवक का चयन करवाया. असर यह हुआ कि अब मात्र 1% बच्चे स्कूल से बाहर बचे हैं. अब यह टोला सेवक एवं शिक्षा स्वयंसेवक एससीएसटी, अल्पसंख्यक, अति पिछड़ा महिलाओं के साक्षरता दर को बढ़ाने के लिए अभियान चलाकर काम कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी कई कार्य किए गए. फरवरी 2006 के सर्वे में एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 1 महीने में 39 मरीज आते थे. हमने डॉक्टर, नर्स, दवाई एवं इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार करवाया. अब एक प्राथमिक केंद्र में एक माह में हजारों मरीज आते हैं. उन्होंने कहा कि महादलित विकास निगम, दशरथ मांझी कौशल योजना, दलित-महादलित छात्रों को पढ़ाने के लिए छात्रावास एवं स्कूल बनवाया गया है. जीर्ण-शीर्ण हो रहे आवासीय विद्यालय एवं छात्रावास का पुनर्निर्माण करवाया जा रहा है. छात्रावास में स्टूडेंट्स को कम से कम परेशानी हो, इसके लिए इसी वर्ष से छात्रावास में प्रति विद्यार्थी 15 किलो मुफ्त खाद्यान्न, जिसमें 6 किलो गेहूं एवं 9 किलो चावल दिया जा रहा है. 1000 प्रतिमाह छात्रों को प्रोत्साहन भी दिया जा रहा है. इस समुदाय में सिविल प्रोत्साहन योजना के लिए बीपीएससी पास करने के बाद अंतिम परीक्षा के लिए पचास हजार एवं यूपीएससी पास करने पर अंतिम परीक्षा के लिए एक लाख अनुदान दिया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि इस समुदाय के लोग स्वावलंबी बने इसके अलावा उद्यमी योजना जिसमें दस लाख रुपये सहायता दिया जा रहा है. इसमें पांच लाख रुपये का अनुदान एवं पांच लाख बिना ब्याज के ऋण दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि शराबबंदी से एससी/एसटी को आर्थिक फायदा हुआ. उन्होंने कहा कि महादलित आवास योजना के तहत मुख्यमंत्री आवास स्थल क्रय योजना के द्वारा एससी/एसटी को जमीन खरीदने के लिए 60 हजार रुपये दिये जा रहे हैं. 1996 में इंदिरा आवास का लेने वालों को भी नया घर बनाने के लिए एक लाख बीस हजार रुपये दिये जा रहे हैं.
नीतीश कुमार ने कहा कि पहले बिजली नहीं रहती थी. लोग शाम होते ही बच्चों को घर के अंदर कर लेते थे. बच्चों को अंधेरे में बाहर जाने से मना किया जाता था. कहते थे बाहर भूत है. बच्चे डर से घर में ही दुबके रहते थे. अब बिजली 24 घण्टे मिलने लगी. लालटेन खत्म हो गया और लालटेन का भूत भी भाग गया. उन्होंने चुटकी लेते हुए विपक्ष पर निशाना साधाते हुए कहा कि कुछ लोग भड़काने के लिए आ रहे हैं. महादलित-दलित बाबा भीमराव अंबेडकर के लोग हैं. बाबा साहब बौद्ध धर्म को अपनाए थे. बौद्ध धर्म शांति और अहिंसा का परिचायक है. सरकार आपके लिए हर जरूरत का काम करेगी, लेकिन कुछ लोग सिद्धांत के बिना राजनीति कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि आरक्षण खत्म करने वाले अभी धरती पर पैदा नहीं हुए. देश से महादलित और दलित आरक्षण खत्म कर दे, ऐसा कोई नेता अभी पैदा नहीं हुआ है.
महादलित सम्मेलन में मुख्यमंत्री दोपहर 1:15 बजे मंच पर पहुंचे. मंच पर आते ही कार्यकर्ताओं ने नीतीश कुमार जिंदाबाद के नारे लगाना शुरू कर दिया. नीतीश कुमार को ग्रामीण कार्य मंत्री शैलेश कुमार ने अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया. कार्यकर्ताओं द्वारा 51 किलो का माला भी मुख्य मुख्यमंत्री को पहनाया गया. वहीं जिलाध्यक्ष संतोष सहनी एवं सभी प्रखंड अध्यक्षों ने गुलदस्ता देकर नीतीश कुमार का स्वागत किया. प्रमंडलीय सम्मेलन में मुख्य अतिथि के पहले कई वक्ताओं ने भी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. सम्मेलन की अध्यक्षता कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्षता सह पूर्व शिक्षा मंत्री बिहार सरकार अशोक चौधरी ने किया. मंच संचालन अविनाश कुमार कर रहे थे.
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