निराला
सिटीपोस्टलाईव :बेटा शराब पीते पकड़ा गया और बाप ने शर्मिंदगी मह्सुश करने की बजाय इसे करार दे दिया राजनीतिक .ये हुई असली राजनीती .चोरी और ऊपर से सीनाजोरी भी .सरकार भी अपनी ,पुलिस भी अपनी फिर भी हो गई शाजिष.अपने शराबी-कबाबी बेटे के शराब पीते पकडे जाने पर जनता से माफ़ी मांगने की बजाय बीजेपी के गया के सांसद हरि मांझी का कहना है ने अपने बेटे की गिरफ्तारी को राजनीतिक शाजिष करार देकर ये साबित कर दिया है कि नेता बेशर्म हैं .एक तरफ सांसद महोदय कह रहे हैं कि यह शाजिष है दूसरी तरफ उनकी पार्टी बीजेपी उनके बेटे की गिरफ्तारी को इस बात का प्रमाण बता रही है कि बिहार में कानून का राज है.बीजेपी के नेताओं ने कहा कि चाहे कोई भी व्यक्ति हो जो कानून का उल्लंघन करेगा, उसे किसी भी कीमत पर नहीं बख्शा जाएगा.
लेकिन विपक्ष क्या कह रहा है .राजद नेता भाई वीरेंद्र सवाल उठा रहे हैं – ये कैसी शराबबंदी है ? पहले होम डिलीवरी होती थी और अब शराब की बेड डिलीवरी हो रही है. राजद नेताओं का आरोप है कि बिहार सरकार के हर विधायक और मंत्रियों के घरों की जांच कराई जाए तो सबके यहाँ शराब मिलेगी.विपक्ष का कहना है कि शराबबंदी केवल सरकार और उसकी पुलिस के अवैध कमाई का जरिया बन गया है .सरकार शराबबंदी कानून लागू कराने में विफल रही है.
सताधारी दल जेडीयू के नेता शराबबंदी को सफल बनाने के लिए आरजेडी नेता तेजस्वी से मंत्र मांग रहे हैं.
जेडीयू का कहना है कि शराबबंदी कानून का ही असर है कि बिहार में सांसद के बेटे को शराब पीते गिरफ्तार किया गया है. राजद की तरह हम अपराधियों को बचाने का काम नहीं करते हैं. सवाल उठाना लाजिमी है कि बीजेपी और जेडीयू के नेता सहीं हैं या फिर बीजेपी संसद.एक तरफ पार्टी के नेता अपने सांसद के बेटे की गिरफ्तारी को बिहार में सबकुछ कानून के हिसाब चलने का प्रमाण मन रहे हैं तो दूसरी तरफ उन्हीं के पार्टी के सांसद इसे एक राजनीतिक शाजिश बता रहे हैं ? इसमे शक की कोई गुंजाइश नहीं कि सांसद के शराबी बेटे की गिरफ्तारी से एक तरफ यह सन्देश जनता में गया है कि शराबबंदी कानून का उल्लंघन करनेवाला चाहे जो कोई भी हो उसके खिलाफ कारवाई होगी .दूसरी तरफ सांसद के बेटे की गिरफ्तारी और फिर उसकी तारीफदारी से यह संदेश जा रहा है कि शराबबंदी कानून की धज्जियाँ सत्ताधारी दल के नेता ही उड़ा रहे हैं.
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