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मोतिहारी सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी के प्रो. पर हुए हमले को लेकर राजनीति तेज, सांसद मनोज झा ने जावड़ेकर को लिखी चिट्ठी

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सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के मोतिहारी के महात्मा गांधी सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी के  प्रोफेसर पर हुए हमले को लेकर बिहार की राजनीति गरमा गई है. इस हमले के बाद जैसे ही प्रोफ़ेसर को ईलाज के लिए पटना लाया गया ,उन्हें देखने और उनसे मिलने वाले नेताओं की भीड़ लग गई. नेता उनका हालचाल लेने अस्पताल पहुँचने लगे. तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव ने सरकार पर जमकर निशाना साधा है. अब  आरजेडी सांसद मनोज झा ने मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को एक चिट्ठी लिखी है.

आरजेडी सांसद ने कहा कि महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, मोतिहारी में एक प्रेरित हिंसक भीड़ द्वारा प्राध्यापक संजय कुमार पर जानलेवा हमले की निष्पक्ष जांच की मांग की. उन्होंने कहा की इस जांच की आंच उन लोगों तक पहुंचनी चाहिए जिन्होंने बीते एक वर्ष से छात्रों और शिक्षकों के आंदोलन का इस विश्वविद्यालय में सिर्फ दमन किया है.महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, मोतिहारी में एक प्रेरित हिंसक भीड़ द्वारा प्राध्यापक संजय कुमार पर जानलेवा हमले की निष्पक्ष जांच की आंच उनलोगों तक पहुंचनी चाहिए जिन्होंने बीते एक वर्ष से छात्रो-शिक्षकों के आन्दोलन का सिर्फ दमन किया है.

गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के ऊपर टिप्पणी करने और उसे फेसबुक पर लिखने के बाद कुछ लोगों ने महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, मोतिहारी में समाजशास्त्र के प्रोफेसर संजय कुमार पर हमला बोल दिया था. वो अपने निवास पर कुछ काम कर रहे थे तभी चार-पांच लोगों ने उन पर हमला कर दिया. हमलावरों का आरोप था कि लोकप्रिय पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ प्रोफेसर ने अभद्र शब्दों का प्रयोग करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा है. जिससे उन्हें आघात पहुंचा है.

इस हमले में घायल  प्रोफेसर संजय कुमार ने अपने ऊपर हुए हमले का आरोप वीसी अरविंद अग्रवाल पर लगा दिया है. उनके खिलाफ थाने में मामला भी दर्ज करा दिया है. प्रोफेसर ने कहा कि फेसबुक पर उन्होंने कुछ भी असंसदीय शब्द का प्रयोग नहीं किया है. हमलावर विश्वविद्यालय के कुलपति के गुर्गे हैं. जिन्होंने पूर्व के आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने की वजह से उन्हें धमकी देते रहे हैं.गौरतलब है कि महीनों से यहाँ प्रोफ़ेसर और वीसी के बीच विवाद चल रहा है. पिछले दो महीने से वीसी के खिलाफ कुछ प्रोफ़ेसर धरने पर बैठे हैं. उनका आरोप है कि वीसी द्वारा कुछ छात्रों द्वारा उनके खिलाफ छेड़खानी के झूठे मुकदमे दर्जा करवा कर उन्हें नौकरी से निकालने की शाजिश वीसी कर रहे हैं.

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