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2019 में हीरो बन गये मनमोहन सिंह, फायदा कांग्रेस को या बीजेपी को?

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2019 में हीरो बन गये मनमोहन सिंह, फायदा कांग्रेस को या बीजेपी को?

सिटी पोस्ट लाइवः साल 2018 फिल्मों पर बवाल का वर्ष रही। फिल्म ‘पदमावत’ पर जो देशभर में बवाल मचा वो तो आप और हम सब जानते हैं लेकिन जाते-जाते 2018 में एक और फिल्म के हिस्से में बवाल और विवाद आयी। हांलाकि यह पूरी फिल्म नहीं बल्कि ट्रेलर थी और बवाल विवाद को भी ट्रेलर हीं मानिए क्योंकि अगर सिर्फ किसी फिल्म के ट्रेलर पर इतना बवाल मचा है तो फिल्म पर क्या होगा अंदाजा लगाईए? दरअसल पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार रहे संजय बारू की किताब पर आधारित एक फिल्म आने वाली है जिसका नाम है ‘द एक्सीडेंटल’ प्राइम मिनिस्टर’। फिल्म के ट्रेलर को देखें तो पता चलता है फिल्म में वही दिखाया गया है या दिखाने की कोशिश हुई है जो मनमोहन सिंह के बारे में उनके प्रधानमंत्रित्व काल के बारे में आम धारणा बनी है या बनायी गयी है।

न जाने यह फिल्म कितनी रील की है और न जाने यह फिल्म में कितना रियल है लेकिन चूंकि यह फिल्म सियासत के एक रियल किरदार पर आधारित है, उस दल के नेता पर आधारित है जो देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी होने की हैसियत रखती है और यह फिल्म तब रिलीज होने वाली है जब देश चुनाव की दहलीज पर खड़ा है। कांग्रेस का आरोप है कि फिल्म में कांग्रेस और सोनिया गांधी की गलत छवि पेश की गयी है। कांग्रेस पहले हीं इसे पार्टी के खिलाफ बीजेपी का दुष्प्रचार बता चुकी है। वहीं बीजेपी चटखारे-ले लेकर इस फिल्म के ट्रेलर को शेयर कर रही है। सवाल है कि क्या ठीक चुनाव से पहले इस फिल्म के आने से कांग्रेस को नुकसान होगा, और बीजेपी को फायदा? दरअसल मामला उल्टा भी पड़ सकता है। क्योंकि ट्रेलर से जो पता चलता है उसके मुताबिक पूरी फिल्म में भले हीं सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस की जो छवि प्रस्तुत करने की कोशिश की गयी हो लेकिन इस फिल्म ने मनमोहन सिंह को एक बार फिर हीरो बना दिया है। और 2019 के पहले हीरो की बात करें तो शायद वह मनमोहन सिंह हीं होंगे क्योंकि यह फिल्म 2019 के पहले महीने यानि जनवरी में रिलीज होने वाली है।

पूरी फिल्म में मनमोहन सिंह को दबाव में घिरे लेकिन बेहतर फैसले लेने की छटपटाहट वाले प्रधानमंत्री को तौर पर पेश किया गया है। भले हीं फिल्म में कांग्रेस और सोनिया गांधी को विलेन बनाने की कोशिश की गयी है लेकिन मनमोहन इस फिल्म में हीरो हीं दिखायी देते हैं। फिल्म में बेहतर नियत और नीति वाले प्रधानमंत्री के तौर पर मनमोहन सिंह को पेश किया गया है तो सवाल है कि क्या जिस फिल्म से बीजेपी को फायदा मिलने की बात कही जा रही है उससे कांग्रेस को फायदा हो सकता है, क्योंकि उसमें उसके एक कद्दावर नेता और पूर्व प्रधानमंत्री को हीरो के तौर पर पेश किया गया है। उसकी ईमानदारी, साफगोई का चित्रण किया गया है। सवाल यह भी है कि एक तरफ फिल्म में कांग्रेस की जो छवि दिखायी गयी है बीजेपी उसे भुनाने की कोशिश अगर करेगी या कर रही है तो फिर जवाब में कांग्रेस भी फिल्म में मनमोहन सिंह को जिस तरह से पेश किया गया है उसे भुनाने की कोशिश करेगी? फिल्म रिलीज होगी तो और भी कई सवाल खड़े होंगे और दूसरे कई सवालों के जवाब भी मिलेंगे लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान जब भी इस फिल्म का जिक्र सियासत के गलियारों में टहलता नजर आएगा तो हीरो कौन और विलेन कौन के बीच मामला हमेशा फंसेगा।

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