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200 प्वाइंट रोस्टर सिस्टम पर अध्यादेश को मंजूरी, कुशवाहा ने कहा-अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे

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200 प्वाइंट रोस्टर सिस्टम पर अध्यादेश को मंजूरी, कुशवाहा ने कहा-अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे

सिटी पोस्ट लाइव : प्रधानमंत्री आवास पर गुरुवार को हुई कैबिनेट बैठक में 13 प्वॉइंट रोस्टर को पलटकर 200 प्वॉइंट रोस्टर सिस्टम लागू करने के लिए अध्यादेश को मंजूरी दे दी गई. माना जा रहा है कि मोदी सरकार के मौजूदा कार्यकाल में यह आखिरी कैबिनेट बैठक है. कैबिनेट बैटक के बाद केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने इसकी जानकारी दी. अब इसे लेकर रालोसपा अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने निशाना साधा है.  उन्होंने कहा कि ये ऐसे लोग हैं कि इन पर कस के हथौड़ा ना पटका जाए तो सुनते हीं नही हैं. जो अध्यादेश लाने की बात हुई है वो साल-डेढ़ साल पहले भी हो सकती थी, खैर देर से ही सही अब ऊंट पहाड़ के नीचे आ गया है.

कुशवाहा ने कहा कि देश भर में पिछड़े और दलित समाज के हितों के खिलाफ लगातार सरकार का रवैया चलता रहा है. सत्ता में पिछड़ा और दलित विरोधी लोग बैठे हुए हैं. जनता जब जगती है और राजनीतिक दल इनकी नींद हराम कर देते हैं तब ये लोग जगते हैं. सरकार ने जो भी किया है वो अच्छा किया है लेकिन मजबूर होकर किया है. अब लोगों को न्याय मिलेगा.

बता दें 200 प्वॉइंट रोस्टर सिस्टम लागू करने के लिए बीते दिनों भारत बंद का आवाहन देश के 21 दलों ने किया था. बिहार में भी इस बंदी को सफल और अपने एजेंडे के साथ राजद ने इसका पुरजोर विरोध भी किया था. वहीं अब इसे 13 से 200 प्वॉइंट रोस्टर पर अध्यादेश लाने की मंजूरी के बाद उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि यदि हम लोग चुप हो जाते तो शायद केंद्र सरकार की नींद नहीं खुलती.

13 पॉइंट रोस्टर सिस्टम

13 पॉइंट रोस्टर एक ऐसा सिस्टम है जिसमें 13 नियुक्तियों को क्रमबध तरीके से दर्ज किया जाता है. इसमें विश्वविद्यालय को इकाई (यूनिट) न मानकर विभाग को इकाई माना जाता है. यानी इस व्यस्था के तहत शिक्षकों के कुल पदों की गणना विश्वविद्यालय या कॉलेज के अनुसार न करके विभाग या विषय के हिसाब से की जाती है.

200 पॉइंट रोस्टर सिस्टम

देश के विश्वविद्यालयों में प्रफेसरों की भर्ती 200 पॉइंट रोस्टर के तहत की जाती थी. इस सिस्टम के तहत पूरे विश्वविद्यालय को एक यूनिट मान लिया जाता है और फिर किसी श्रेणी विशेष के सभी पदों को मिलाकर आरक्षण कोटे का आकलन किया जाता है. विश्वविद्यालय को एक यूनिट माने जाने की वजह से हर वर्ग के उम्मीदवार की भागेदारी सुनिश्चित थी. कुछ वक्त पहले तक कॉलेज और विश्वविद्यालयों में 200 पॉइंट रोस्टर सिस्टम के आधार पर ही आरक्षण दिया जाता था। इस प्रणाली में कैसे आरक्षण दिया जाता था, यह आप ऐसे समझ सकते हैं.

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