सिटी पोस्ट लाइव : JDU की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में जातीय जनगणना के पक्ष और जनसंख्या नियंत्रण कानून के विपक्ष में प्रस्ताव पारित किया गया था. परिषद की बैठक में तर्क दिए गए थे कि केंद्र सरकार जाति आधारित जनगणना कराकर सभी जातियों का वास्तविक आंकड़ा सार्वजनिक करें और सुविधा विहीन और विकास से वंचित जातियों को उनकी आबादी के अनुरूप साधन एवं सुविधा मुहैया कराये. JDU की इस बैठक में कहा गया कि जातीय जनगणना समाज और सरकार सबके हित में होगी और इससे हमारा संसदीय लोकतंत्र मजबूत होगा.
JDU अब जातीय जनगणना को लेकर पूरे राज्य में माहौल बनाने की तैयारी में है. बुधवार को बिहार यात्रा के अगले चरण पर निकले संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा- “राष्ट्रीय परिषद की बैठक में यह तय हो गया कि JDU जातीय जनगणना चाहता है तो इसे लेकर अब पूरे राज्य में माहौल बनाने की जरूरत है. यात्रा के दौरान मैं लोगों से मिलेगें और उनसे जातीय जनगणना को लेकर बात करेंगे.
upendra कुशवाहा ने कहा कि यह राज्यहित और राष्ट्रहित दोनों में है. इसके लिए जरूरी है, ज्यादा से ज्यादा लोग इसके बारे में जानें और समझें.उन्होंने कहा- “BJP के नेता भी अब जातीय जनगणना कराने की मांग कर रहे हैं. इसे लेकर BJP के एक MP ने PM को चिट्ठी भी लिखी है. बाकी लोग क्या बोल रहे हैं, इससे फर्क नहीं पड़ता है. JDU का हर नेता लोगों के बीच जाकर इसके पक्ष में बात करेगा.’
upendra कुशवाहा ने कहा कि पार्टी की बैठक में जनसंख्या नियंत्रण के लिए शिक्षित कन्या-सुखी परिवार के बिहार मॉडल को जनसंख्या कम करने का लक्ष्य बनाने का प्रस्ताव रखा गया. JDU किसी कठोर नियंत्रण अथवा किसी नकारात्मक नतीजों वाले प्रयास के बजाय जागरूकता अभियान और बालिका शिक्षा के विस्तार के माध्यम से जनसंख्या वृद्धि को कम करने का समर्थन करता है.
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