RJD के अल्पसंख्यक विधायकों पर JDU और यादव विधायकों पर BJP की नजर
सिटी पोस्ट लाइव : बाढ़ ग्रस्त ईलाकों के सर्वेक्षण के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दरभंगा में RJD नेता अब्दुलबारी सिद्दकी के घर क्या पहुँच गए ,अटकलों का बाज़ार गर्म हो गया. क्या अब्दुलबारी सिद्दकी JDU में जानेवाले हैं?, क्या RJD और JDU के बीच कुछ छान रही है? क्या नीतीश कुमार RJD विधायकों से संपर्क साध रहे हैं, ऐसे ढेर सारे सवाल लोगों के जेहन में उठ रहे हैं. सिटी पोस्ट लाइव के विश्वस्त सूत्रों के अनुसार RJD के दर्जनों विधायक नीतीश कुमार और बीजेपी के नेताओं के संपर्क में हैं. BJP से अलग होने की स्थिति में अपनी सरकार बचाए रखने के लिए नीतीश कुमार RJD विधायकों के समपर्क में हैं. और नीतीश कुमार के अलग होने पर RJD को राज्य की दूसरी सबसे बड़ी राजनीतिक ताकत बचाए रखने की कोशिश में बीजेपी जुटी है.
सूत्रों के अनुसार RJD के ज्यादातर अल्पसंख्यक विधायक नीतीश कुमार के साथ चुनाव में जाने के पक्ष में हैं. वहीँ RJD और JDU के यादव और पिछड़ी जातियों के विधायकों को विश्वास में लेने की रणनीति पर बीजेपी काम कर रही है. सूत्रों के अनुसार इस रणनीति के तहत BJP ने लोक सभा चुनाव के बहाने JDU-RJD के कई प्रभावशाली यादव बिरादरी के विधायकों को आर्थिक सहायता देकर भावनात्मकरूप से अपने जोड़ने की कोशिश की है. वैसे भी लोक सभा चुनाव में ज्यादा यादवों को टिकेट मिलने से, नित्यानंद राय को गृह राज्य मंत्री जैसे महत्वपूर्ण पद दिए जाने से यादवों का झुकाव बीजेपी की तरफ बढ़ा है. नीतीश कुमार कमजोर पड़ती RJD के अल्पसंख्यक विधायकों को अपने साथ करने में जुटे हैं वहीँ BJP उन्हें रोकने के लिए RJD और JDU के यादव बिरादरी के विधायकों को अपने साथ लाने की रणनीति पर काम कर रही है.
मतलब साफ़ है नीतीश कुमार का अब्दुलबारी सिद्दकी के घर जाना कोई मामूली घटना नहीं बल्कि तेजी से बदल रहे राजनीतिक समीकरण का संकेत है.दरअसल, लोक सभा चुनाव के बाद से जिस तरह से तेजस्वी यादव की राजनीतिक सक्रियता कम हुई है, RJD के नेता विधायक अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं. उन्हें ये डर सता रहा है कि कहीं पारिवारिक विवाद की वजह से पार्टी का अस्तित्व खतरे में नहीं पड़ जाए. इसलिए अभी से वो सुरक्षित जगह की तलाश में जुट गए हैं. कोई JDU के साथ तो कोई BJP से जोड़कर अपना भविष्य देख रहा है.
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