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पंचायत चुनाव लड़ने वालों के लिए जरुरी गाइडलाइन, प्रचार-प्रसार में सार्वजनिक स्थलों पर बैन

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सिटी पोस्ट लाइव : लम्बे समय से अटके पंचायत चुनाव को लेकर अब बड़ी खुशखबरी है. राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव की सारी तैयारियां पूरी कर ली है. यही नहीं जल्द ही चुनाव तारीखों का ऐलान भी कर दिया जायेगा. पंचायत चुनाव कुल 11 चरणों में कराने की तैयारी है. इसके साथ ही निर्वाचन आयोग ने उम्मीदवारों के लिए जरुरी गाइडलाइन जारी की है. इस जारी गाइडलाइन  का पालन अभ्यर्थियों को हर हाल में करना अनिवार्य होगा साथ ही नियमों का उल्लंघन करने वाले अभ्यर्थियों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है .

  • राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा पंचायत चुनाव में प्रचार-प्रसार धार्मिक स्थल जैसे मंदिर, मस्जिद गुरुद्वारा से नहीं किया जा सकेगा.
  • अगर किसी की भावना आहत करने वाली बात प्रकट होगी तो संबंधित उम्मीदवार हर हाल में अयोग्य घोषित किए जाएंगे.
  • प्रचार-प्रसार में सार्वजनिक स्थलों का उपयोग कोई भी अभ्यर्थी नहीं कर सकेगा.
  • किसी उम्मीदवार के खिलाफ व्यक्तिगत तौर पर किसी तरह की टिप्पणी कोई उम्मीदवार नहीं कर सकता है. ना ही जातिगत या फिर धार्मिक भावना को ठेस करने वाला बयान देगा. 
  • पंचायत चुनाव में पोस्टर बैनर लगाने की छूट तो दी गई है, लेकिन इसके लिए कई मांगों को पूरा करना भी अनिवार्य होगा. पोस्टर बैनर बनवाने से पहले जिला निर्वाचन पदाधिकारी से अनुमति लेना जरूरी होगा.
  • जिले के बाहर या दूसरे राज्य में पोस्टर या बैनर कोई उम्मीदवार बनाता है तो उन्हें राज्य निर्वाचन आयोग से इसकी अनुमति लेनी होगी.
  • जहां पोस्टर बैनर जिले के अंदर अगर कोई उम्मीदवार बनवा रहा है तो प्रिंटिंग प्रेस का नाम और उस पर खर्च का विवरण देने के साथ ही संख्या भी अंकित करना जरूरी होगा.
  • अगर कोई उम्मीदवार नुक्कड़ सभा आयोजित करवाता है तो इसकी पूर्व अनुमति लेनी होगी, साथ ही किसी दूसरे के मकान पर बिना सहमति के पोस्टर बैनर कोई भी उम्मीदवार नहीं लगा सकेगा.
  • चुनाव प्रचार प्रसार इस बार 48 घंटे पहले ही बंद कर देना होगा.
  • प्रत्याशी अपने आवास और कार्यालय पर प्रचार वाहन या चुनाव प्रचार करने के लिए पोस्टर बैनर आदि का उपयोग कर सकते हैं.
  • प्रत्याशी चुनाव प्रचार करने के लिए अपना कार्यालय भी खुद खोल सकते हैं लेकिन इसकी सूचना उन्हें जिला निर्वाची पदाधिकारी को देनी होगी.

बता दें इससे पहले राज्य निर्वाचन आयोग ने महिलाओं को लेकर गाइडलाइन जारी की थी. इसके मुताबिक आंगनबाडी केंद्र पर तैनात सेविका व सहायिका किसी भी पद के लिए चुनाव नहीं लड़ सकेगी और ना ही वे चुनाव मैदान में उतरने वाले अभ्यर्थी की प्रस्तावक ही बन सकेगी. इसके अलावा लोक अभियोचक भी ना तो अपना नामांकन दाखिल कर सकेंगे और न ही किसी व्यक्ति का प्रस्तावक बन सकेंगे.

वहीं, विषेश शिक्षा परियोजना, साक्षरता अभियान, शिक्षा केंद्रों पर मानदेय पर कार्यरत अनुदेशक, पंचायत के अधिन मानदेय व अनुबंध पर कार्यरत शिक्षा मित्र, न्याय मित्र, विकास मित्र, टोला सेवक व दलपति केंद्र व राज्य सरकार या किसी स्थानीय प्राधिकार से वित्तीय सहायता पाने वाले शैक्षणिक-गैर शैक्षणिक संस्थानों में कार्यरत कर्मचारी, रसोइया व मानदेय पर कार्यरत कर्मी, गृहरक्षक एवं सरकारी वकील भी पंचायत चुनाव नहीं लड सकेंगे और ना ही किसी भी पद के लिए किसी व्यक्ति का प्रस्तावक ही बन सकते हैं.

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