City Post Live
NEWS 24x7

आपदा से निपटने के लिए हर संभव सहायता उपलब्ध कराएगी सरकार : मुख्यमंत्री

पशु केंद्र के रुप में 1300 जगहों का होगा चयन

-sponsored-

- Sponsored -

-sponsored-

आपदा से निपटने के लिए हर संभव सहायता उपलब्ध कराएगी सरकार : मुख्यमंत्री

सिटी पोस्ट लाइव : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज सचिवालय स्थित ‘संवाद‘ में डीजल अनुदान का किसानों के बैंक खाते में ऑनलाईन अंतरण कार्यक्रम का माउस के जरिए शुभारंभ किया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे कल ही इस कार्यक्रम में उपस्थित होने के लिए कहा गया था। खुशी इस बात की है कि इतने कम समय में आज एक नई प्रक्रिया की शुरुआत कर किसानों के बैंक खाते में डीजल अनुदान का पैसा डायरेक्ट आॅनलाईन हस्तांतरण होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे पहले 4 जिलों में सब्जी की जैविक खेती के लिए पायलट प्रोजेक्ट योजना की शुरुआत की गई, अब इसे अन्य जिलों में अन्य फसलों के लिए भी लागू करने की योजना है। हमारी यह कोशिश है कि किसानों के लागत मूल्य में कमी आए। आपदाओं के समय किसान संकट से जूझता है अतः सरकार किसानों की हर संभव सहायता के लिए तत्पर है। पहले से ही फसल सहायता योजना के तहत सरकार किसानों को सहायता उपलब्ध करा रही है। आज नई तकनीक का चयन किया गया है जिसके द्वारा रजिस्टर्ड किसानों को बैंक खाते में डीजल अनुदान का पैसा हस्तांतरित हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि 13 जून को हमलोगों ने बाढ़ एवं सुखाड़ की संभावित स्थिति के लिए विभिन्न विभागों एवं सभी जिलों के जिलाधिकारियों के साथ तैयारियों की समीक्षा बैठक की थी, जिसमें एक-एक बिंदु पर चर्चा की गई थी। उस दौरान मौसम विभाग के प्रतिनिधि ने यह आष्वस्त किया था कि इस बार अच्छी बारिश होगी लेकिन अपने पुराने अनुभवों के आधार पर मेरे मन में यह शंका थी कि वर्षा की संभावना कम है, जो अभी तक दिख रही है। राज्य में अभी तक औसत वर्षा 48 प्रतिशत से कम हुई है और कई जिलों में 80 प्रतिशत से भी कम वर्षा हुई है। कल भी सुखाड़ की संभावित स्थिति से निपटने के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक की गई थी, जिसमें किसानों को तत्काल राहत उपलब्ध करवाने के लिए कई निर्णय लिए गए। पिछले वर्ष डीजल अनुदान की राशि 35 रुपए प्रति लीटर थी, जिसे इस वर्ष शुरु में 40 रुपए किया गया और कल उसे बढ़ाकर 50 रुपए प्रति लीटर किया गया है। मुझे खुशी है कि आज जिन लाभुकों को यह लाभ मिला है उन्हें 50 रुपए की दर से ही राशि उनके खाते में हस्तांतरित की गई है। बिजली विभाग ग्रामीण क्षेत्रों में 16 से 18 घंटे बिजली की आपूर्ति कर रही थी, जिसे अब बढ़ाकर 20 से 22 घंटे किया जा रहा है। कृषि कार्य के लिए बिजली आपूर्ति की दर को 96 पैसे से घटाकर 75 पैसे कर दिया गया है।

स्टेट ट्यूबवेल या प्राइवेट ट्यूबवेल के तहत किसान पटवन कर रहे थे। पूर्व में बिजली के लिये व्यावसायिक दर देना पड़ता था, अब स्टेट ट्यूबवेल या प्राइवेट ट्यूबवेल के लिये बिजली की दर को घटाकर 75 पैसे प्रति यूनिट की गयी है। उन्होंने कहा कि धान की फसल न होने की स्थिति में आकस्मिक फसल योजना के तहत कृषि विभाग के अधिकारी, कर्मी, गांव-गांव जाकर किसानों से यह समझने की कोशिश करें कि उस क्षेत्र में कौन सी वैकल्पिक फसल लगाना उपयुक्त होगा और उसी अनुसार उन्हें बीज उपलब्ध कराने की तत्काल व्यवस्था करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि मनरेगा के तहत लोगों को सुखाड़ की स्थिति में भी रोजगार मिल सके, इसके लिए निर्देश दिया गया है कि तालाब की खुदाई की जाए, साथ ही प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना का काम तत्काल शुरु किया जाए, ग्रामीण कार्य विभाग के तहत सड़कों की मरम्मत तथा निर्माण कार्य कराया जाए। पशुओं के चारा उपलब्ध कराने के बारे में पशुपालन विभाग तैयार है।

1300 जगहों का चयन किया गया है जहाॅ पशु केंद्र के रुप में पशुओं को पर्याप्त सुविधाएं मिल सकेंगी, साथ ही वहां पर सोलर पंपसेट के माध्यम से पानी की व्यवस्था की जाएगी। लोगों के लिये पेयजल की उपलब्धता हेतु 175 टैंक कार्यरत थे, जिसे बढ़ाकर 500 टैंकर किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ की स्थिति में एक से तीन माह तक ज्यादा परेशानी होती है लेकिन सुखाड़ की स्थिति में हम सबको अगले जून महीने तक कठिन परिश्रम करना होगा। उन्होंने कहा कि उत्पन्न परिस्थितियों से निपटने के लिए सतर्क रहना होगा। आपदा प्रबंधन के लिए हमलोग हमेशा तत्पर रहते हैं। वर्ष 2007 में 22 जिलों के ढाई करोड़ लोगों को प्रति परिवार एक क्विंटल अनाज उपलब्ध कराया गया था। वर्ष 2016 में 38 लाख परिवारों को जो बाढ़ से प्रभावित थे, 6 हजार प्रति परिवार की दर से 2400 करोड़ रुपए की राशि उपलब्धकरायी गई थी।

हमने अधिकारियों से हमेशा ये कहा है कि आपदा की परिस्थिति में उदारतापूर्वक पैसा खर्च कीजिए, खजाने पर संकट नहीं आएगा, इसके लिये चिंता करने की जरुरत नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य के खजाने पर पहला अधिकार आपदा पीड़ितों का है। हर परिस्थिति पर नजर रखी जा रही है। 31 जुलाई को फिर बैठक आयोजित कर सारी परिस्थितियों की समीक्षा एक बार फिर से की जाएगी। किसानों को और ज्यादा से ज्यादा सहायता उपलब्ध करायी जाएगी। आज भी राज्य में आजीविका के लिए 76 प्रतिशत लोग कृषि पर निर्भर हैं। हमलोग उनके प्रति संवेदनशील हैं। आपदा की स्थिति में राज्य सरकार हरसंभव सहायता उपलब्ध कराएगी, जिससे आपदा से निपटने में सहयोग हो सके। कृषि विभाग पूरी पारदर्शिता के साथ काम करे, मुझे पूरी उम्मीद है कि कामयाबी मिलेगी।

-sponsored-

- Sponsored -

Subscribe to our newsletter
Sign up here to get the latest news, updates and special offers delivered directly to your inbox.
You can unsubscribe at any time

- Sponsored -

Comments are closed.