गया गैंगरेप पीडिता की गुहार -“मेरे बलात्कारियों को फांसी दे दो सरकार “
सिटी पोस्ट लाईव : गया की 18 वर्षीय सपना ( नेम चेंज्ड) बुधवार की काली रात , 2018 का मनहूस साल ,जीवन भर नहीं भूला पायगी.जब भी यह रात और साल उसके ध्यान में आएगा उसकी नींद उड़ जायेगी.उसके घाव हरे हो जायेगें.इस साल ,इसी रात ( 14 जून 2018 ) को उसके डॉक्टर पिता को पेड़ से बाँध दिया गया.उसकी नजर के सामने उसकी इस बेटी और इसकी मां के साथ गैंगरेप हुआ .पिता न पत्नी की रक्षा कर पाया और ना ही बेटी की आबरू बचा सका.सपना इस भयानक सपने को कभी नहीं भूला पायेगी.आज गया अनुग्रह नारायण अस्पताल में मेडिकल टेस्ट कराने आई सपना ,जैसे किसी अपने को देखती है या फिर मीडिया उसके सामने होता है,वह फफक फफक कर ऐसे रो पड़ती है कि सामने वाले का कलेजा फट जाए.इतनी लाचार, इतनी वेवश हैं और असुरक्षित हैं हमारी बेटियां .नेता सपना से मिलाने आ रहे हैं, उसे न्याय दिलाने का भरोसा दिला रहे हैं.लेकिन सपना को पता है ,ये नेता केवल अपनी राजनीति चमकाने आये हैं.उसकी इज्जत की जलती भट्ठी पर राजनीतिक रोटियां सेंकने आये हैं.
सपना को पुलिस पर भी भरोसा नहीं है.उसे उम्मीद है थोड़ी बहुत तो मीडिया से.वह सिटी पोस्ट लाईव से कहती हैं-“ मैं क्या बताऊँ मेरे साथ क्या हुआ. आप सुनकर अंदाजा लगा पायेगें मेरी अथाह पीड़ा का ? मेरे पिता के सामने मेरे साथ मेरी मां के साथ पांच पांच लोगों ने गैंगरेप किया .क्या कोई इंशान ऐसा घिनौना काम कर सकता है .वो जानवर से भी ज्यादा खतरनाक हैं .उन्हें तो फांसी की सजा मिलनी चाहिए .केवल यह एक बेटी सपना का सपना ही नहीं टूटा है.बिहार की हर बेटी इस घटना से मर्माहत है ,भयभीत है ,कुंठित है.सभी बेटियों के होठों पर यहीं सवाल ये सब हमारे साथ ही क्यों ? क्या है हमारा अपराध ? सपना के पिता को ये समझ में नहीं आ रहा कि ये कैसा प्रारब्ध है ? वो कहते हैं-“ हमेशा मैंने लोगों की सेवा की.आजतक कोई मरीज पैसा की वजह से मेरे क्लिनिक से बिना ईलाज के वापस नहीं गया .मुझे समाज ने भी बहुत सम्मान और आदर दिया .लेकिन ये कैसा समाज जो एक तरह्फ़ सेवा लेकर आदर और सम्मान देता है दूसरी तरफ हमारी बेटी बहू की आबरू लूट कर अपनी हवास की भूख मिटाता है.
सपना की मां के साथ भी गैंगरेप हुआ.लेकिन बेटी के दुःख के आगे वह अपना दुःख भूल गई.उसे पता है कि उसका परिवार पीड़ित है ,फिर आरोपी से ज्यादा कठीन सजा उसे और उसके परिवार को ही भुगतनी है.आज जो समाज सहानुभूति दिखा रहा है,वहीँ कल उसके परिवार को समाज के कलंक के रूप में देखेगा .आरोपी अपनी मर्दानगी पर नाज करते नजर सीना चौड़ा करके इसी समाज के सामने घुमेगें और जीवन भर मुंह छिपाकर जीना पड़ेगा इस पीड़ित परिवार को.इसीलिए उसने पहले अपनी बेटी के साथ हुए गैंगरेप पर पर्दा डालने की कोशिश की.कहा-गैंगरेप मेरे साथ हुआ,बेटी सही सलामत है.लेकिन नेता और उस पुलिस भला ऐसा कैसे होने देगें . जो पुलिस उनकी आबरू लूटने से नहीं बचा सकी,वह ये साबित करने के लिए कि ब्लात्कात हुआ है या नहीं अस्पताल से लेकर कोर्ट तक सैलून साल उनकी नुमाइश करेगी.नेता राजनीतिक लाभ मिलने तक उनकी दर्दनाक कहानी सूना सूनाकर अपने विरोधियों पर निशाना साधते रहेगें .
गया गैंगरेप पीडिता की गुहार -“मेरे बलात्कारियों को फांसी दे दो सरकार ”
आकाश प्रत्यूष
Comments are closed.