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मुख्यमंत्री के दबाव को भी किसानों ने नकारा, बंदी पूरी तरह विफल: दीपक

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सिटी पोस्ट लाइव, रांची: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम सांसद दीपक प्रकाश ने आज हेमंत सरकार पर तीखा हमला बोला। श्री प्रकाश आज प्रदेश कार्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि किसानों ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लाये गए नए कृषि कानून का समर्थन करते हुए बंद के आह्वान को पूरी तरह नकार दिया है। राज्य के शासक और सत्ताधारी दलों को जनता ने ठुकरा दिया है। वामपंथी पार्टियां तो बिन पेंदी का लोटा हो गई है जो पूरी दुनिया से समाप्त हो रहे हैं। उन्होंने किसानों के आंदोलन पर कहा कि आंदोलन में किसान बाहर है,किसानों के बीच निःस्वार्थ भाव से केवल किसानों केलिये कार्य करने वाले संगठन भी आंदोलन से बाहर हैं। उन्होंने कहा कि आंदोलन में कोई है तो वैसे लोग हैं जिन्होंने वर्षों तक किसानों की अनदेखी की। कानून का विरोध करने वालों ने कहा था कि इस आंदोलन में कोई भी राजनीतिक दल शामिल नही होगा परंतु आज ठीक इसके विपरीत हो रहा। आंदोलन में केवल राजनीतिक विरोध हो रहे किसान के हित गौण हैं। श्री प्रकाश ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने वर्षों तक स्वामीनाथन कमिटी की रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया। यूपीए शासन काल मे एक लाख से ज्यादा किसानों ने आत्महत्या की पर ये चुप बैठे रहे।  उन्होंने कहा कि जो दल आज कानून का विरोध कर रहे उन्होंने अपने अपने घोषणा पत्र और बयानों के माध्यम से कानून की बातों का समर्थन किया है। कांग्रेस पार्टी ने अपने 2019 के घोषणा पत्र पेज 17 के विंदु 11 में । कृषि उत्पादों के व्यापार की व्यवस्था करने ,आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 को समाप्त करने की बात कही थी।

श्री प्रकाश ने कहा कि झारखंड में किसानों के धान खरीद पर रोक लगाने वाली सरकार आज किसानों की हितैषी बनने का नाटक कर रही। उन्होंने पूछा कि यूरिया की कालाबाजारी करनेवालों पर सरकार ने क्या करवाई की। मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना क्यों बंद की गई। किसानों की ऋण माफी का क्या हुआ। उन्होंने कहा कि महा ठगबंधन सरकार का दोहरा चरित्र उजागर हो चुका है। ये किसान विरोधी लोग आज घड़ियाली आंसू बहा रहे है। जनता इनको पहचान चुकी है।

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