सिटी पोस्ट लाइव, रांची: प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सह राज्य के वित्त तथा खाद्य आपूर्ति रामेश्वर उरांव ने कहा कि आरएसएस देश में चाहे जितना भी कोशिश कर लें, जो भी हथकंडा अपना ले, देश में शैक्षणिक संस्थानों में नामांकन और सरकारी नौकरियों में आरक्षण का प्रावधान लागू रहेगा। उरांव सिमडेगा के दो दिवसीय दौरे से लौटने के बाद गुरुवार को रांची में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि देश में जातिगत जनगणना के मसले पर केंद्रीय नेतृत्व द्वारा जल्द ही अनौपचारिक रूप से पार्टी का स्टैंड स्पष्ट कर दिया जाएगा, लेकिन उनका व्यक्तिगत रूप से मानना है कि जातिगत जनगणना होनी चाहिए। उरांव ने बताया कि वर्ष 2011 में जनगणना हुआ था। उसके बाद जातिगत जनगणना भी हुआ था लेकिन वर्तमान केन्द्र सरकार ने उस रिपोर्ट को उजागर नहीं किया। उन्होंने कहा कि पहले लोग कम पढ़ते थे, लेकिन आज लोगों में जागरूकता आयी है लोग पढ़ाई कर रहे है। इसलिए आरक्षण मिलना जरूरी है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जनगणना के आधार पर ही आरक्षण का लाभ मिलता है। इसलिए जातिगत जनगणना की मांग की जा रही है। राज्य में पिछड़े वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण का विषय नीतिगत मामला है। इस संबंध में सरकार निर्णय लेगी, लेकिन पार्टी ओबीसी को 14 की जगह 27 प्रतिशत आरक्षण की पक्षधर रही है। यह पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र में भी शामिल था और प्रदेश प्रभारी ने भी इस संबंध में स्पष्ट घोषणा की थी।
20 सूत्री एवं निगरानी समिति के गठन के मसले पर पूछे गये एक प्रश्न के जवाब में उरांव ने कहा कि मुख्यमंत्री से बातचीत कर जल्द से जल्द समिति गठन का फॉर्मूला तय कर लिया जाएगा। इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोरनाथ शाहदेव और राजेश गुप्ता भी उपस्थित थे।
Comments are closed.