City Post Live
NEWS 24x7

कांग्रेस ने शाह ब्रदर्स खनन घोटाला मामले को लेकर प्राथमिकी दर्ज करने का एसीबी को दिया आवेदन

- Sponsored -

- Sponsored -

-sponsored-

कांग्रेस ने शाह ब्रदर्स खनन घोटाला मामले को लेकर प्राथमिकी दर्ज करने का एसीबी को दिया आवेदन

सिटी पोस्ट लाइव, रांची : भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो( एसीबी) में झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने शाह ब्रदर्स खनन घोटाले में मंगलवार को शिकायत दर्ज कराई है। कांग्रेस की ओर से महाधिवक्ता अजित कुमार, जिला खनन पदाधिकारी चाईबासा और अन्य अधिकारियों की संलिप्तता को लेकर आवेदन देकर प्राथमिकी दर्ज कराने का आग्रह किया गया है। शाह ब्रदर्स के 13 सौ करोड़ के खनन घोटाले में कांग्रेस ने महाधिवक्ता, विभागीय मंत्री जिला खनन पदाधिकारी और अन्य अधिकारियों की मिलीभगत से हुए राजस्व के नुकसान की निष्पक्ष जांच की मांग एसीबी के एसपी से की है। आवेदन में कहा गया है कि झारखंड हाईकोर्ट में शाह ब्रदर्स के खनन पट्टे के नवीकरण और विखंडन से संबंधित रिट याचिका में महाधिवक्ता अजीत कुमार की सक्रिय सहभागिता की बातें सामने आई है। मामले को लेकर मौके पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ अजय कुमार ने कहा कि पूरे मामले में झारखंड सरकार की किरकिरी हुई है। हाईकोर्ट में सही तथ्य नहीं रखे जाने से शाह ब्रदर्स के पक्ष में फैसला आया। इसमें शामिल सभी लोगों की साजिश को जनता तक लाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कंपनी को अनुचित लाभ पहुंचाने में सरकार के खान एवं भूतत्व विभाग के वरीय पदाधिकारी और मंत्री स्तर के व्यक्ति शामिल है। उन्होंने कहा कि एक अप्रैल 2016 को फॉरेस्ट क्लीयरेंस नहीं रहने की वजह से खनन पट्टा रद्द कर दिया गया था, जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी हाईकोर्ट ने खनन पट्टे के विस्तार के स्पष्ट कारणों का हलफनामा दर्ज नहीं करने की वजह से सरकार के आदेश को निरस्त कर दिया था। उन्होंने कहा कि सारा कुछ विधि द्वारा स्थापित डिस्क्लोजर ऑफ रीजन नैसर्गिक न्याय के प्रतिकूल है। सरकार द्वारा कारणों का उल्लेख नहीं कर किसी के निजी हित की रक्षा एक सुनियोजित साजिश के तहत की गई है। इतना ही नहीं खान विभाग के अधिकारियों ने खनन कंपनी पर तैयार किए गए 1365 करोड़ की जुर्माना राशि को घटाकर 252 करोड़ कर दिया। इस पर भी शाह ब्रदर्स में एलपीए दायर की। उन्होंने कहा कि एलपीए संख्या 351- 2018 के मामले में भी महाधिवक्ता ने झारखंड हाई कोर्ट को गलत सूचना दिया और कहा कि राज्य सरकार और शाह ब्रदर्स के बीच इस मामले पर समझौता हो गया है। इस पर झारखंड हाई कोर्ट में 1-10- 2018 को आदेश दिया कि सा ब्रदर 252 करोड़ के राजस्व का भुगतान किस्तों में कर सकती है। महाधिवक्ता के स्टेटमेंट से शाह ब्रदर्स के पक्ष में हाईकोर्ट का फैसला आया और कंपनी को हाईकोर्ट के आदेश के बाद माइनिंग चालान निर्गत कर दिया गया।

- Sponsored -

-sponsored-

Subscribe to our newsletter
Sign up here to get the latest news, updates and special offers delivered directly to your inbox.
You can unsubscribe at any time

-sponsored-

Comments are closed.