सिटी पोस्ट लाइव : पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की आज पहली बरसी है. इस मौके पर तमाम बड़े से लेकर छोटे दलों के नेताओं को चिराग ने आमंत्रित किया है. कईयों ने इस आमंत्रण को स्वीकार किया और पहुंचे भी. लेकिन सीएम नीतीश कुमार नहीं पहुंचे. हालांकि उन्होंने एक शोक संवेदना जारी करते हुए डेढ़ लाइन की प्रेस रिलीज़ जरुर जारी की. लेकिन ये डेढ़ लाइन चिराग के दिल को ठंडक देने के बदले, अंगारे भर गई.
बता दें अपने पिता की बरसी पर चिराग ने सीएम को भी आमंत्रण भेजा था. हालांकि वो उसे मिलकर नहीं दे पाए. लेकिन उन्होंने मीडिया के माध्यम से भी उनसे आने की अपील की थी. उन्होंने कहा था कि आप पिता जी के अच्छे मित्र रहे हैं. उन्हें श्रधांजली देने जरुर आइये. भले आप मुझसे न मिलें, लेकिन उन्हें श्रधांजली देने दो मिनट के लिए भी आयें.
लेकिन शायद ये बाद सीएम नीतीश तक नहीं पहुंची. पटना में रहते हुए भी वे इस कार्यक्रम ने नहीं पहुंचे. हालांकि उन्होंने सुबह डेढ़ लाइन की श्रधांजली रिलीज जरुर जारी की थी. जिसमें लिखा था कि पूर्व केन्द्रीय मंत्री पद्म भूषण स्व0 रामविलास पासवान जी को उनके प्रथम बरसी पर श्रद्धांजलि. ये लाइन शायद चिराग को चुभ गई.
उन्होंने आज मीडिया से बात करते हुए कहा कि आज जिस तरह की भीड़ उनके पिता की पहली बरसी में आई है वो यह बताती है कि आज भी रामविलास पासवान की लोकप्रियता लोगों के बीच है. चिराग ने कहा कि जो भी लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने आए है मैं उन सभी का धन्यवाद देता हूं. इस श्रद्धांजलि सभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नहीं आने पर कहा कि हमें उम्मीद थी कि वो आयेंगे लेकिन नहीं आये और सिर्फ डेढ़ लाइन का शोक संवेदना जाहिर किया है जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेरे पिता को अपना मित्र बताते हुए दो पन्ने में चिट्ठी लिखकर श्रद्धांजलि दी है.
जाहिर है नीतीश कुमार चिराग पासवान से काफी नाराज हैं. चिराग ने विधानसभा चुनाव में जो नुकसान जदयू को पहुंचाया उसे नीतीश कुमार भूल नहीं सकते. यही नहीं सीएम नीतीश की सबसे प्रमुख सात निश्चय योजना जिसमें नलजल सहित कई योजनायें शामिल हैं. उसपर चिराग ने सवाल उठाया था. इतना ही नहीं इसके खिलाफ जांच करवाने तक की बात कही थी. शायद यही वजह है कि नीतीश कुमार उन्हें माफ़ करने को तैयार नहीं हैं.
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