जब से सातवां वेतन आयोग लागू हुआ है तब से सभी कर्मचारी संगठन इसमें बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं. दबाव बढ़ने के बाद सरकार ने कमिटी भी बनाई लेकिन उसके बाद से अब तक बस राहत देने की चर्चा हो रही है और ठोस बात आगे नहीं बढ़ रही है.केंद्रीय कर्मचारियों को ग्रैच्युटी मामले में सातवें वेतन आयोग का लाभ नहीं मिला.
सिटी पोस्ट लाईव :लोक सभा चुनाव से पहले मोदी सरकार केंद्रीय कर्मचारियों को भी राहत पैकेज देने का ऐलान करने वाली है.सरकार लाखों केंद्रीय कर्मचारियों को संशोधित वेतन के प्रस्ताव को मंजूरी देने की तैयारी में जुटी है.। सूत्रों के अनुसार, प्रस्ताव में केंद्रीय कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 18 हजार से बढ़ाकर 21 हजार रुपये किये जाने का प्रस्ताव है. हालांकि, केंद्रीय कर्मचारियों का संगठन न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपये करने की मांग कर रहा है.
गौरतलब है कि जब से सातवां वेतन आयोग लागू हुआ है तब से सभी कर्मचारी संगठन इसमें बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं. दबाव बढ़ने के बाद सरकार ने कमिटी भी बनाई लेकिन उसके बाद से अब तक बस राहत देने की चर्चा हो रही है और ठोस बात आगे नहीं बढ़ रही है.केंद्रीय कर्मचारियों को ग्रैच्युटी मामले में सातवें वेतन आयोग का लाभ नहीं मिला. केंद्र सरकार ने इनके आवेदन को खारिज कर दिया है. केंद्र सरकार ने एक आदेश जारी कर साफ कर दिया है कि ग्रेच्युटी की सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख करने का फैसला जिस दिन से लागू हुआ, उसी दिन से कर्मचारियों को मिलेगी. जबकि कर्मचारियों की मांग की थी कि यह प्रावधान सातवें वेतना आयोग का हिस्सा था जिस कारण यह भी 1 जनवरी 2016 से ही मिलनी चाहिए.
गौरतलब है कि सातवें वेतन आयोग का लाभ केंद्रीय कर्मचारियों को 1 जनवरी 2016 से ही मिला था. लेकिन ग्रैच्युटी से जुड़ा बिल संसद में इस साल मार्च के अंतिम हफ्ते में पास हुआ. मतलब 1 जनवरी 2016 से लेकर 28 मार्च 2018 तक रिटायर हुए कर्मचारियों को पुराने दर से ही ग्रैच्युटी मिली. कमिटी की रिपोर्ट के बाद सरकार ने कहा कि इसका लाभ पुराने डेट से नहीं दिया जाएगा.
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