सिटी पोस्ट लाइव : एससी/एससी एक्ट में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अध्यादेश के जरिये बदल देनेवाली केंद्र सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं. देशभर के सवर्ण जो आजतक बीजेपी के साथ थे, आज बीजेपी के खिलाफ गोलबंद होने लगे हैं. सवर्ण संगठनों ने छह सितंबर को भारत बंद का आयोजन कर बीजेपी की नींद उड़ा दी है. इस कानून को लेकर सवर्णों का कहना है कि ऐसा काला कानून अंग्रेजों के जमाने में भी देश में लागू नहीं था. इस कानून का गलत फायदा उठाया जाता रहा है. बिहार में भी कई बार सवर्ण इस एक्ट के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर चुके हैं.30 अगस्त को बेगूसराय में भूमिहार ब्राह्मण एकता मंच ने बंद का आह्वान किया था. बंद शामिल लोगों ने शहर के काली स्थान चौक और बीपी स्कूल चौक समेत कई इलाकों में जमकर प्रदर्शन किया था. पुलिस को उनको काबू में करने के लिए लाठीचार्ज का सहारा लेना पड़ा था.
एसटी/एसी एक्ट के विरोध में प्रदर्शनकारियों का सबसे बड़ा प्रदर्शन गया में देखने को मिला था. यहां प्रदर्शनकारियों ने मानपुर में बाजार-हाट को बंद करा दिया. प्रदर्शनकारियों को समझाने पहुंचे अफसरों के साथ झड़प के बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठचार्ज कर दिया था.पिछली बार के प्रदर्शन की याद दिलाना इसलिए भी जरुरी है टाक 6 सितम्बर को होनेवाले भारत बंद के दौरान होनेवाले संभावित हंगामे का अंदाजा लगाया जा सके.
इस बंद को लेकर बीजेपी नेताओं की नींद उडी हुई है. बीजेपी के नेता खुलकर न तो इस बंद का विरोध कर पा रहे हैं और ना ही समर्थन.सवर्णों का वोट एकमुश्त बीजेपी को पिछले एक दशक से मिलता रहा है. ऐसे में उनका विरोध बीजेपी नेताओं की चिंता बढ़ा देनेवाली है. सिटी पोस्ट लाइव की टीम ने मंगल पाण्डेय से लेकर नित्यानंद राय समेत तमाम नेताओं की भारत बंद पर प्रतिक्रिया लेनी चाही तो सभी बचते नजर आये. बीजेपी केन्द्रीय नेत्रित्व की चिंता भी बढी हुई है. इसको लेकर 4 सितम्बर को अमित शाह पार्टी के नेताओं के साथ आपात बैठक कर चुके हैं. अगली बैठक 6 सितम्बर को बुलाई गई है. सूत्रों के अनुसार इस बैठक में ये चर्चा होगी कि किस तरह से सवर्णों को अपने विरोध में खड़ा होने से रोकना है और दलितों-पिछड़ों को भी नाराज नहीं होने देना है.
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