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कृषिमंत्री बादल ने चक्का जाम आंदोलन में लिया हिस्सा

डेथ वारंट वापस होने तक संघर्ष रहेगा जारी: कृषिमंत्री

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सिटी पोस्ट लाइव, रांची: कृषि कानून के खिलाफ किसान संगठनों के देशव्यापी चक्का जाम प्रदर्शन में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं ने भी बढ़कर हिस्सा लिया। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सह राज्य के वित्त तथा खाद आपूर्ति मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि केंद्र सरकार की हठधर्मी रवैये और 3 नए कृषि कानून के खिलाफ देशभर के किसान आंदोलनरत है। इसके बावजूद किन कारणों से भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार इस काले कानून को जनता पर थोपना चाहती है यह किसी के भी समझ से परे है। उन्होंने कहा कि देश के 70 वर्षों के इतिहास में कई कानून बने हैं और कई कानून वापस किए गए हैं और यदि किसानों के लिए बनाए गए इस कानून को किसान ही वापस लेने की मांग कर रहे हैं तो फिर यह कानून से किस का लाभ होगा इसे बताया जाना चाहिए। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि यदि इस कानून को वापस ले लिया जाता है तो इससे सरकार की हार नहीं होगी बल्कि देश की जनता इस निर्णय का स्वागत करेंगी। उन्होंने कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्री का यह कहना कि नए कृषि कानून में कुछ भी काला नहीं है, तो उन्हें यह भी बताना चाहिए कि इस कानून को वापस लेने से देश के किसानों को किस तरह का नुकसान होगा। इधर, पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने राजधानी रांची से सटे विभिन्न हिस्सों में राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर किसानों के हितों की रक्षा को लेकर संघर्ष को जारी रखने का ऐलान किया।
राज्य के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने रांची के बूटी मोड़ चौक के निकट विभिन्न राजनीतिक दलों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ सड़क जाम ने हिस्सा लिया। इस मौके पर बादल ने कहा कि जब तक केंद्र सरकार इस डेथ वारंट को वापस नहीं ले लेती तब तक लोकतांत्रिक तरीकों से किसानों के समर्थन में पूरे देश भर में आंदोलन चलता रहेगा। कृषि मंत्री ने कहा कि आज का यह अभूतपूर्व चक्का जाम ने यह साबित कर दिया है कि पूरे देश की जनता इस काले कानून के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि आज के सफल आंदोलन से केंद्र सरकार को भी किसानों की शक्ति का एहसास होगा और अपनी भूल को सुधार करने के लिए वह हठधर्मिता छोड़कर किसानों के हित में फैसला लेंगे। कृषि मंत्री बादल ने कहा कि इस आंदोलन में सैंकड़ों किसानों की शहादत हो चुकी है,अभी दिल्ली के आसपास के विभिन्न सीमाओं में हजारों की संख्या में आंदोलनरत किसान खुले आसमान के नीचे धूप और ठंड में डेथ वारंट के खिलाफ लड़ाई जारी रखे हुए हैं।
उन्होंने कहा कि वे खुद भी दिल्ली के सिंधु बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर जा चुके हैं और किसानों को समर्थन देने का काम किया है। इसके अलावा उड़ीसा से दिल्ली जाने वाले किसानों को रवाना करने का काम किया।बिहार भी जा कर भी किसानों को रवाना किया। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने बताया कि किसानों के समर्थन में प्रदेश अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव के नेतृत्व में आगामी 10 फरवरी को राज्य के सभी प्रखण्डों में अधिवेशन की तैयारी को अंतिम रूप दी जा रही है। जबकि 13 फरवरी को सभी जिला मुख्यालयों में किसानों के समर्थन में दस से बीस किलोमीटर की पदयात्रा निकाली जाएगी। उन्होंने बताया कि 20 फरवरी को हजारीबाग में राज्यव्यापी किसान सम्मेलन सह ट्रैक्टर रैली का आयोजन किया जा रहा है इन सारे कार्यक्रमों के संयोजक कृषि मंत्री बादल को बनाया गया है और वह खुद पूरी तैयारियों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।

भाजपा मुख्यालय में केंद्रीय बजट पर परिचर्चा आज,अर्जुन मुंडा होंगे मुख्य अतिथि
रांची। केंद्रीय बजट 2021-22 पर कल 7फरवरी को प्रदेश भाजपा कार्यालय में परिचर्चा कार्यक्रम को संबोधित करेंगे। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा होंगे । प्रदेश भाजपा द्वारा कल  केंद्रीय बजट 2021 ..22 पर एक परिचर्चा कार्यक्रम आयोजित है जिसके मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री  अर्जुन मुंडा होंगे। यह जानकारी भाजपा प्रदेश महामंत्री डॉ प्रदीप वर्मा ने दी।  उन्होंने बताया कि इस परिचर्चा में गणमान्य नागरिक, प्रबुद्ध जन शामिल होंगे। डॉ वर्मा ने बताया कि श्री मुंडा जी अपराह्न 1.30 बजे प्रदेश कार्यालय में प्रेसवार्ता को भी संबोधित करेंगे।

किसानों के समर्थन में सड़क पर उतरी कांग्रेस व झामुमो
चतरा । केंद्र सरकार के कृषि कानून का विरोध कर रहे किसानों ने शनिवार को देशव्यापी चक्का जाम आंदोलन के तहत। चतरा में भी कांग्रेस तथा झामुमो समेत विभिन्न संगठन सड़क पर उतर गए। पार्टी नेताओं तथा कार्यकर्ताओं ने किसानों के समर्थन में शहर की हृदयस्थली चतरा चौक पर जुलूस निकाला और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शनकारी अपने हाथों में तख्तियां भी लिए हुए थे।

इस मौके पर  कांग्रेस के जिला अध्यक्ष प्रमोद दुबे ने केंद्र सरकार द्वारा लाई के कृषि कानून को काला कानून बताते हुए इसे किसान विरोधी बताया और मांग करते हुए कहा कि केंद्र सरकार कृषि कानून में सुधार करें या तो उसे जल्द वापस ले। कहा कि जब तक केंद्र सरकार किसानों की मांग को पूरी नहीं करती है तब तक आंदोलन चलता रहेगा। उन्होंने कहा कि काले कृषि कानून के कारण जहां एक ओर किसान खेतों से सड़क पर आ चुके हैं। वहीं दूसरी ओर डीजल व पेट्रोल के भी प्रतिदिन बढ़ती महंगाई के कारण आम आवाम भी त्राहिमाम कर रही है।

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