सिटी पोस्ट लाइव : दलितों को खुश करने के चक्कर में बीजेपी सवर्णों के निशाने पर आ गई है.एससी-एसटी और ओबीसी को नरेंद्र मोदी सरकार अपने हालिया फैसलों से कितना खुश कर पाई पता नहीं . लेकिन उसकी इस कवायद ने सवर्णों को बेहद नाराज कर दिया है. कई सवर्ण संगठनों द्वारा 6 सितंबर को भारत बंद बुलाए जाने की खबर के बाद बीजेपी की चिंता बढ़ गई है.. सोशल मीडिया पर प्रचार चल रहा है. इस नई चुनौती से निपटने को आज 4 सितंबर को नई दिल्ली में इमरजेंसी मीटिंग करनी पड़ी है.
अभी राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ समेत अन्य राज्यों में चुनाव होने हैं. ऐसे में सवर्णों की नाराजगी बीजेपी को भारी पड़ सकती है. एससी-एसटी और ओबीसी सरकार के कितने पक्ष में आ गए हैं, यह भी ठीक से पता नहीं चल रहा है.लेकिन जो सवर्ण आजतक मजबूती के साथ बीजेपी के साथ खड़े रहे हैं, आज बीजेपी से बेहद नाराज हैं. सवर्ण वोटरों के नाराजगी को देखते हुए अमित शाह ने मंगलवार को इमरजेंसी मीटिंग की . इस बैठक में अरुण जेटली, निर्मला सीतारमण, प्रकाश जवाड़ेकर, जेपी नड्डा, रविशंकर प्रसाद, पीयूष गोयल और स्मृति ईरानी शामिल हुईं . बीजेपी सांसद भूपेंद्र यादव, रामलाल और मीनाक्षी लेखी भी बैठक में शामिल हुईं.
बैठक में रणनीति तैयार करने को कहा गया. यह सुनिश्चित करने को निर्देश दिया गया कि सवर्ण किसी भी कीमत पर नाराज न हों. लेकिन, रणनीति ऐसी बनाइए कि सवर्णों की नाराजगी दूर करने के चक्कर में फिर से एससी-एसटी और ओबीसी नाराज न हो जाएं. बैठक में बिहार से अकेले रविशंकर प्रसाद शामिल कराए गए हैं, ऐसे में बिहार का ध्यान उन्हें विशेष रूप से रखना होगा.
सोशल मीडिया छह सितंबर को भारत बंद करने का सवर्ण संगठनों का सन्देश वायरल हो रहा है. लेकिन भारत बंद का कॉल देनेवाला संगठन कौन है और सूत्रधार कौन है, स्पष्ट नहीं हो रहा है. कहा जा रहा है कि यह केंद्र की नीति के खिलाफ है. इसे लेकर पूरे देश में चौकसी बढ़ाई जा रही है. बिहार में 30 अगस्त को भी सवर्ण सेना ने विरोध पूरे बिहार में किया था. 6 सितंबर की भारत बंदी को लेकर मध्य प्रदेश में ज्यादा ही टेंशन है. अभी से कई जिलों में 144 लागू किया जा रहा है.
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