कनक प्रत्यूष .
सिटीपोस्टलाईव : अपने देश के नेताओं को धर्म-मजहब से कुछ भी लेना देना नहीं हैं.नेता केवल अपने राजनीतिक सहूलियत के हिसाब से धर्म और मजहब का इस्तेमाल करते हैं.देश के हिन्दू नेताओं पर तो वोट के लिए मुस्लिम तुस्टीकरण के आरोप लगते ही रहे हैं.लेकिन अब मुस्लिम नेता भी धर्म –मजहब का इस्तेमाल कर हिन्दू मतदाताओं और हिन्दुत्ववादी राजनीतिक दलों को लुभाने में पीछे नहीं हैं.देश के अल्प संख्यक नेता भी भगवा झंडा उठाकर बीजेपी को ललचाने लगे हैं.इस हिन्दू तुष्टिकरण की राजनीति की शुरुवात भी बिहार से ही हुई है.बिहार से जेडीयू के विधायक फिरोज अहमद अपने हाथ की कलाई में रक्षा सूत्र बांधते हैं और हर मंदिर और महंथों के दरवाजे पर माथा टेकते हैं.फिरोज का यह स्टाइल एक हिन्दू संत को इतना पसंद आया कि चुनाव में उनका समर्थन करने की अपील अपने हजारों भक्तों से कर दी.फिर क्या था मुस्लिम मतदाता तो साथ थे ही,हिन्दूओं ने भी इन्हें गले लगा लिया.अब तो फिरोज अहमद के सर पर ऐसे भगवा रंग चढ़ा कि विधान सभा में भी जय श्री राम के नारे लगाने लगे.
अब फिरोज की राह पर देश के दुसरे प्रदेशों के मुस्लिम नेता भी आगे बढ़ रहे हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में एक भी मुसलमान प्रत्याशी नहीं उतारनेवाली बीजेपी को भी मुस्लिम नेताओं का यह भगवाकरण अब रास आने लगा है.सरकार चलाने की मज़बूरी ही सही अब धीरे धीरे ऐसे मुस्लिम नेताओं को सरकार और पार्टी में जगह मिलनी शुरू हो गई है.जब भगवा रंग चढ़ा लेने भर से राजनीतिक सफलता मिलने की गारंटी हो तो भला मुस्लिम नेता क्यों पीछे रहें .सत्ता सुख मिलते ही मुस्लिम नेता भगवामय दिखने में बीजेपी के नेताओं से भी आगे दिखने लगे हैं. भगवा कुर्ता, भगवा मकान और मंदिर में घंटा चढ़ाने से लेकर भजन और पूर्जा-अर्चना करके यह जताने का कोई मौका नहीं चूकते कि उन्हें रहीम से ज्यादा राम प्यारे हैं.हाल ही में उत्तर प्रदेश बीजेपी से विधान परिषद प्रत्याशी बने बुक्कल नवाब ऐसे ही मुस्लिम नेता हैं.ये पहले समाजवादी पार्टी में थे .लेकिन जब अपनी ही सरकार में ही अपार्टमेंट और जमीन पर कब्जे के मामले में इनके खिलाफ कार्रवाई शुरू हुई तो बीजेपी का दमन पकड़ लिया.बीजेपी ने जैसे ही इन्हें विधान परिषद् का प्रत्याशी घोषित किया मंदिर के दरवाजे पर पहुँच गए .हजरतगंज के दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर में 20 किलो का घंटा चढ़ाया.
दुसरे मुस्लिम नेता भी अब इसी राह पर चल पड़े हैं. शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन तो उत्तर प्रदेश में बीजेपी सरकार बनने के साथ ही राम मंदिर के सबसे बड़े पैरोकार बन गए हैं .बीजेपी के समर्थन में बयां देने में कट्टर हिंदूवादी नेताओं को भी ये पीछे छोड़ चुके हैं. उनका कहना है कि अयोध्या समेत सभी विवादित धर्म स्थलों पर नमाज बंद करवा देनी चाहिए. जहां-जहां मंदिर तोड़कर मस्जिदें बनी हैं, वहां फिर मंदिर बनाए जाएं. प्रधानमंत्री को भी पत्र लिख चुके हैं कि कई मदरसे कट्टरपंथ की शिक्षा दे रहे हैं और वहां आतंकवादी बनाने का प्रशिक्षण दिया जाता है.
बीजेपी की सरकार बनी तो उसके पास एक भी मुसलमान विधायक नहीं था ऐसे में भगवा वस्त्र पहन कर ,भगवा घर में रहकर और मुस्लिम विरोधी बयान देनेवाले मोहसिन रजा बीजीपी की नजर में आ गए .अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री तो बने ही साथ ही हज कमिटी के चेयरमैन पद से भी नवाजे गए .सत्ता में आते ही वे भगवामय दिखने में वो बीजेपी के तमाम नेताओं को पीछे छोड़ने में जुट गए हैं. हमेशा भगवा कुर्ता पहनते हैं. अपना सरकारी मकान भगवा करवा लिया. बिहार के जेडीयू विधायक फिरोज अहमद की तरह ही सदन में भी ‘जय श्रीराम’ के नारे लगा देते हैं.
Comments are closed.