सिटी पोस्ट लाइव : शहरी विकास मंत्रालय द्वारा जारी इस इंडेक्स में टॉप 10 की सूची में बिहार (Bihar) का एक भी शहर शामिल नहीं हुआ है. केंद्र सरकार के शहरी विकास मंत्रालय ने रहने लायक शहर (Ease of Living Index 2020) की सूची जारी की है. रहने लायक 111 शहरों की सूची में 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहर और 10 लाख से कम आबादी वाले शहरों को रैंकिंग में शामिल किया गया है. 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में बंगलुरू टॉप पर है. इस सूची में दूसरे नंबर पर पुणे, तीसरे नंबर पर अहमदाबाद, चौथे नंबर पर चेन्नई और पांचवें नंबर पर सूरत है. इस सूची में ग्रेटर मुंबई 10वें नंबर पर है. अगर बिहार की बात करें पटना इस सूची में 33वें नंबर पर है.
शहरी विकास मंत्रालय द्वारा जारी 10 लाख से कम आबादी वाले शहरों की सूची की बात करें तो शिमला टॉप पर है. जबकि दूसरे स्थान पर उड़ीसा, तो सिलवासा और भीलवाड़ा को क्रमशः तीसरा और चौथा स्थान मिला है. इस सूची में तिरुवनंतपुरम दसवें स्थान पर है. बिहार की बात करें तो भागलपुर 30वें और मुजफ्फरपुर 66वें स्थान पर है.इज ऑफ लिविंग इंडेक्स 2020 की सूची में अगर नगर निगमों की परफॉर्मेंस की बात करें, तो पटना नगर निगम की स्थिति में सुधार होते हुए 16वां रैंक आई है. पिछले साल नगर निगम द्वारा शुरू किए गए कामों के नतीजों के अनुसार रैंकिंग में सुधार आया है, लेकिन टॉप 10 का दावा सपना ही बना हुआ है.केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने 111 रहने लायक शहरों की जो सूची जारी की है, उसमें 15 पैमाने शामिल हैं. शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, गर्वनेंस, टेक्नोलॉजी,परिवहन, जलापूर्ति, कचरा प्रबंधन, अर्थव्यवस्था और पार्क जैसे मानक शामिल थे. 16 जनवरी 2020 से 20 मार्च 2020 तक किये गए इस सर्वे में 32.2 लाख लोगों ने भाग लिया.
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