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“विशेष” : कब तक शहीदों की शहादत पर देश रोता रहेगा ?

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“विशेष” : कबतक शहीदों की शहादत पर देश रोता रहेगा ?

सिटी पोस्ट लाइव : बड़ा सवाल है कि कबतक शहीदों की शहादत पर देश रोता रहेगा। क्या होगा केंडल मार्च, श्रद्धांजलि सभा, मौन जुलूस, प्रतिकार मार्च और तरह-तरह के विरोध प्रदर्शन से…..सियासतदां की वजह से जम्मू-कश्मीर का अहम हिस्सा हम पहले ही गंवा चुके हैं। बार-बार पाकिस्तान भारत में विभिन्य तरीके से हमले करता और कराता रहा है। पाकिस्तानी हुकूमत को हर घटना के बाद सबूत की जरूरत पड़ती है। अब इम्तिहान की घड़ी खत्म हो चुकी है ।देश अपना धैर्य गंवाने के कगार पर है। सबसे पहले भारत की सरकार को हुर्रियत नेताओं को तवज्जो देना बंद करना चाहिए। जनता कह रही है कि भारत सरकार जम्मू-कश्मीर के चप्पे-चप्पे में वहां की तमाम जनता को, हिंदुस्तानी बनकर रहने की पहले मुनादी करा दे, फिर संसद में अध्यादेश लाकर धारा 370 और 35 क को तुरन्त खत्म करे। अब सर्जिकल स्ट्राईक की जरूरत नहीं है ।पाकिस्तान के साथ बिना किसी शर्त और पैगाम के सीधे निर्णायक युद्ध की जरूरत है। देश के हर कोने से बस यही सदा आ रही है कि हमें बदला और हमला चाहिए।

आज हिंदुस्तान की सरकार ने यह साफ कर दिया है कि वह किसी भी तरह का कोई सबूत पाकिस्तान को नहीं देगा। भारत के द्वारा 26 / 11 हमले के पुख्ता सबूत देने पर भी पाकिस्तान ने कोई कारवाई नहीं की थी। केंद्र सरकार के सूत्रों से जो जानकारी हमतक पहुँच रही है, उसके मुताबिक भारत अपने मित्र देश सहित सभी देशों को सबूत देने के लिए तैयार है लेकिन पाकिस्तान से वह अब कोई बात भी नहीं करेगा। देश के हर हिस्से से एकमात्र बुलंद आवाज आ रही है कि भारत अब किसी भी समझौते के लिए तैयार ना हो और जल्द से जल्द पाकिस्तान के खिलाफ निर्णायक युद्ध की घोषणा करे। हद की इंतहा तो यह है कि पुलवामा हमले की जिम्मेवारी जिस आतंकी संगठन जैश ए मुहम्मद ने ली,उसका सुप्रीमो अजहर मसूद पाकिस्तान में ऐश कर रहा है।

इससे बड़ा सबूत और क्या हो सकता है। विशेष सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से लगातार शीर्ष नेताओं और तीनों सेना के चीफ से बातचीत जारी है। हम पत्रकारिता की मूल धरा वाले हैं, इसलिए जनता को ज्यादे सैन्य गतिविधियों की जानकारी नहीं देंगे। लेकिन देश की जनता को हम इतना जरूर कहेंगे कि हिंदुस्तान पूरी तरह से पाकिस्तान को जबाब देने के लिए तैयार हो चुका है। संयुक्त राष्ट्रसंघ और कुछ अंतराष्ट्रीय बंदिश की वजह से हिंदुस्तान जबाब देने में देरी कर रहा है। हर जगह कील–कांटे दुरुस्त किये जा रहे हैं। वैसे पाकिस्तान पर विश्व के कई देशों के द्वारा शिकंजा कसा जा चुका है। सेना के वार्मअप की शैली यह बता रही है कि सेना बस हुक्म के इंतजार में है।

पीटीएन न्यूज मीडिया ग्रुप के सीनियर एडिटर मुकेश कुमार सिंह की “विशेष” रिपोर्ट

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