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रुपेश हत्याकांड: किसी के गले नहीं उतर रही है पटना पुलिस की थ्योरी.

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सिटी पोस्ट लाइव : इंडिगो के स्टेशन मैनेजर की हत्या सुलझा लेने के पटना पुलिस के दावे में ज्यादा दम नहीं दिखाई दे रहा, पुलिस की थ्योरी के अनुसार  लोजपा कार्यालय से शेखपुरा मोड़ के बीच यह पांचवां कट ही काफी अहम है. पुलिस के मुताबिक इस एरिया में ही रुपेश की कार से ऋतुराज की बाइक से टकराई थी. पुलिस की थ्योरी है कि नवंबर माह में एयरपोर्ट रोड पर आरोपित की बाइक रुपेश की मॉरिसन गैराज कार से टकरा गई थी, जिसपर रुपेश ने ऋतुराज की पिटाई कर दी थी. पुलिस के अनुसार पिटाई के कारण प्रतिशोध में ऋतुराज ने साथियों के साथ मिलकर घटना को अंजाम दिया.

रुपेश सिंह के परिजन पुलिस की इस थ्योरी को मनगढ़ंत और असली मुजरिम को बचाने की कोशिश करार देरहे हैं. लोक जनशक्ति पार्टी कार्यालय से बेली रोड के शेखपुरा मोड़ तक 16 कट हैं. 3.9 KM की दूरी में आनेवाले हर कट पर  दुकानदारों से भी बात करने पर पता चला कि  किसी ने भी कार और बाइक की टक्कर के बाद पिटाई की वारदात नहीं देखी.पहला कट लोजपा कार्यालय के पास है. चौराहे के पास यहां CCTV कैमरा लगा है. यहां चाय और पान की दो दुकानें हैं जो काफी रात तक खुली रहती हैं. दोनों दुकानदार इस तरह की टक्कर और और इस तरह के विवाद की बात को गलत बता रहे हैं..

एअरपोर्ट से रुपेश सिंह के अपार्टमेंट के बीच आनेवाले हर कट के पास देर रात तक रहनेवाले दुकानदारों और लोगों से बातचीत करने के वावजूद कोई ऐसा नहीं मिला जिसने कार की टक्कर और उसके बाद होनेवाले विवाद को देखा है.सवाल ये उठता है कि ऐसा कैसे हो सकता है कि गाडी की टक्कर हुई और उसके बाद मारपीट फिर किसी ने नहीं देखा?

किसी ने भी रुपेश की कार और बाइक से टक्कर नहीं देखी है और न ही सुना है.एयरपोर्ट के गेट के सामने जू की दीवार से सटा कैमरा लगा है. दूसरा कैमरा एयरपोर्ट गेट के बाएं ट्रैफिक लाइट के साथ लगाया गया है. इसके बाद एक गेट से दाएं जाने वाले रास्ते में बीच में ही ट्रैफिक लाइट के साथ लगाया गया है. तीन तरफ से CCTV कैमरा लगाने के बाद भी पुलिस के दावे में यह सबूत नहीं है कि रुपेश का आरोपित से कब विवाद हुआ था.

जाहिर है कि इस वारदात की कोई तस्वीर पटना पुलिस के पास नहीं है फिर किस आधार पर पुलिस इस हाई प्रोफाइल मामले को हल कर लेने का दावा कर रही है.पुलिस ने रुपेश हत्याकांड की  जो थ्योरी सुनाई है उसपर किसी को भरोसा नहीं हो रहा है.लोगों का कहना है कि  कार और बाइक की टक्कर में तीन माह बाद कोई गोली क्यों मारेगा? ऐसा क्या था मामला तो इतना बड़ा आक्रोश था जो तीन माह में भी शांत नहीं हो पाया. रुपेश की पत्नी को भी यह बात नहीं पच रही है.

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