पटना के डॉक्टर पुत्र की हत्या के बाद अपराधी मांग रहे थे 50 लाख की फिरौती
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार की राजधानी पटना के होमियोपैथ डॉक्टर के बेटे के अपहरण के मामले को पटना पुलिस ने सुलझा लिया है. पुलिस के पास केस पहुँचने से पहले ही डॉक्टर पुत्र की हत्या हो चुकी थी. पटना पुलिस के अनुसार गुरुवार को सत्यम को उसके तीन दोस्त घुमाने फिराने का बहाना बनाकर अपने साथ ले गए. कुछ घंटों तक सत्यम के साथ तीनों लड़के रहे. घूमते—फिरते आरपीएस इंजीनियरिंग कॉलेज के पास पहुंचे. तीनों लड़कों ने वहां जमकर गांजा पिया. सत्यम को भी पिलाया. जब गांजा का नशा पूरी तरह से सत्यम के उपर हावी हो गया, तीनों दोस्तों ने मिलकर उसे चाकू से घोंप घोंप कर मार डाला. मौके पर ही उसकी मौत हो गई.
आज शनिवार को पुलिस ने उसी जगह से शव वरामद भी कर लिया है. किडनैपिंग और हत्या में शामिल तीनों दोस्त गिरफ्तार हो चुके हैं. अपहरण की शिकायत दर्ज होने के कुछ घंटे बाद ही पुलिस ने दो दोस्तों को दबोच लिया था. उनसे पूछताछ के दौरान ही हत्या का मामला उजागर हुआ. पुलिस अभीतक इसे फिरौती के लिए अपहरण का मामला ही मानकर चल रही थी.तीन लड़कों में नीरज और प्रमोद को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है. जबकि तीसरा साथी चकिया फरार है. इसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी चल रही है. सिटी एसपी वेस्ट रविंद्र कुमार के अनुसार उस चाकू को भी बरामद कर लिया गया है, जिससे सत्यम की हत्या कर दी गई थी. सत्यम को नीरज ने ही कॉल कर अपने पास बुलाया था.
जांच में यह खुलासा हुआ है कि अपहरण की परिजनों द्वारा पुलिस में शिकायत दर्ज कराये जाने के पहले ही यह हत्या हो चुकी थी. सिटी एसपी वेस्ट के अनुसार पिता ने गुरुवार की रात 10 बजे सत्यम के गुमशुदगी का कंप्लेन दर्ज कराया था. जबकि अपराधियों ने कंप्लेन मिलने से तकरीबन 3 घंटे पहले ही उसकी हत्या कर दी थी. पूछताछ में पकड़े गए नीरज ने बताया कि शाम के 7 बजे के करीब ही उसकी कर दी गई थी. सत्यम की हत्या करने के बाद ही ये तीनों लडके फिरौती की मांग कर रहे थे. 50 लाख की फिरौती की डिमांड की गई थी. पुलिस के अनुसार फिरौती की रकम के लिए शुक्रवार को कुल 4 बार सत्यम के घर वालों को कॉल किया गया था.
पुलिस के अनुसार नीरज और चकिया पेशेवर अपराधी हैं. इनका फैमिली बैकग्राउंड भी अपराधिक है. नीरज के पिता गणेश जेल में बंद रित लाल यादव के लिए काम करता है.पकडे गए नीरज के बयान के अनुसार सत्यम उसके इलाके की लड़कियों को छेड़ता था. इसलिए उसकी हत्या की योजना बनाई गई.इस मामले में आईजी ने रूपसपुर के थानेदार दीपक कुमार को इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया है. थानेदार पर इस मामले को शुरुवात में गंभीरता से नहीं लेने का मामला सामने आया है.
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