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दिनदहाड़े डॉक्टर की हत्या से इलाके में सनसनी, पुलिस की कार्यशैली पर फिर उठे सवाल

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“विशेष” : दिनदहाड़े डॉक्टर की हत्या से इलाके में सनसनी, पुलिस की कार्यशैली पर फिर उठे सवाल

सिटी पोस्ट लाइव : सहरसा में बेलगाम अपराधियों पर नकेल कसने में सहरसा पुलिस बिल्कुल नाकामयाब साबित हो रही है। आज दिनदहाड़े जिले के प्रसिद्ध युवा डॉक्टर किशोर कुमार भास्कर की अज्ञात अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। मृतक डॉक्टर दंत रोग विशेषज्ञ थे। वे अपनी निजी कार ऑल्टो बी.आर. 01 बी.एस. 1209 से आरण गाँव की तरफ से सहरसा आ रहे थे। सदर थाना के बैजनाथपट्टी इलाके में उन्हें नजदीक से गोलियों से छलनी कर दिया ।गोली सटकर पीछे से चलाई गई है। डॉतिर की मौत तुरन्त कर के भीतर ही हो गयी। इस हत्या से इलाके में दहशत और सनसनी का माहौल है ।हत्या दोपहर बाद ही हुई लेकिन कर सड़क के किनारे कार खड़ी थी, इसीलिए किसी ने नोटिश नहीं लिया।

करीब चार बजे शाम में बैजनाथपट्टी के मुखिया केवल यादव ने कार में डॉक्टर की लाश को ड्राइविंग सीट पर लुढ़के हुए देखा।उन्होंने तुरन्त इसकी सूचना पुलिस अधिकारियों को दी। घटनास्थल पर पुलिस अधिकारियों ने पहुंचकर लाश को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर हॉस्पिटल भेज दिया है। हद की इंतहा देखिए कि लाश के पास अभीतक मृतक के कोई परिजन नहीं पहुंचे हैं जबकि मृतक दंत चिकित्सक सदर थाना के रिहायशी इलाके संत नगर के रहने वाले हैं। पुलिस के बड़े अधिकारी खबर लिखने तक सदर अस्पताल में हमें कहीं भी नहीं दिखे। मौके पर सदर थाना के एसआई सुभाष सिंह के साथ पुलिस के कुछ जवान मौजूद थे। अस्पताल में कई डॉक्टर मातमपुर्सी के लिए पहुंचे लेकिन पुलिस के बड़े अधिकारी ना जाने कौन सा अभियान चलाने में लगे रहे।

मृतक डॉक्टर सहरसा के खजूरी गाँव के रहने वाले थे और महज एक साल के उनके इकलौते बेटे का एक सप्ताह पूर्व ही देहांत हो गया था। पुलिस कप्तान राकेश कुमार घटना के बाद अपने कनीय पुलिस अधिकारियों से घटना के मुतल्लिक जानकारी लेते रहे।सहरसा के छुटभैये और पिछलग्गू पत्रकारों से भी एसपी साहब जानकारी लेते रहे लेकिन ना तो वे घटनास्थल पर आए और ना ही सदर अस्पताल ही आये। सबसे अहम बात यह है कि मृतक के पर्स में 10 हजार से अधिक रुपये थे ।कार के भीतर एक लोडेड पिस्टल भी था। अपराधी ने उसी पिस्टल से डॉक्टर को गोली मारी है। घटना के तरीके से लगता है कि गोली मारने वाला व्यक्ति डॉक्टर के साथ ही था और पीछे की सीट पर बैठा हुआ था।

यह घटना पैसे के लेन-देन, या किसी बड़ी वजह से की गई है। गोली मारने वाले के पास हत्या के सिवाय कोई विकल्प नहीं था। सदर एसडीपीओ प्रभाकर तिवारी मृतक के स्थानीय आवास पर पहुंचकर उनकी पत्नी सहित अन्य परिजनों से पूछताछ कर रहे हैं।अभीतक घटना किस वजह से हुई है,इसका कोई सुराग हाथ नहीं लगा है। साथ ही इस घटना को अंजाम देने वाले अपराधियों की संख्यां कितनी थी ? सदर अस्पताल में डॉक्टर का सैलाब उमड़ रहा है लेकिन अभीतक कोई पुलिस के बड़े अधिकारी अस्पताल नहीं पहुंचे हैं ।यह घटना बेहद पेंचीदा लग रहा है। सहरसा पुलिस इसका पटाक्षेप कैसे और कबतक कर पायेगी, यह कहना अभी नामुमकिन है ।इतना जान लीजिए कि सहरसा पुलिस महज हाजिरी बनाने के लिए है। इस जिले में गुंडों का राज है।

पीटीएन न्यूज मीडिया ग्रुप के सीनियर एडिटर मुकेश कुमार सिंह की रिपोर्ट ।

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