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रिश्वत लेने के आरोपी पुलिसवालों के खिलाफ अब चलेगा अपराधिक मुक़दमा

भूमि विवाद निबटारा के लिए प्रखंडों में हर शनिवार CO के साथ जनता दरबार लगाएंगे थानाध्यक्ष

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रिश्वत लेने के आरोपी पुलिसवालों के खिलाफ अब चलेगा अपराधिक मुक़दमा

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा कानून-व्यवस्था को लेकर की गई बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं. लेकिन सबसे बड़ा फैसला ये हुआ है कि रिश्वत लेनेवाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अब अपराधिक मामला दर्ज होगा. रिश्वत लेने के आरोपी पुलिस वालों को जेल भेंज जाएगा. गौरतलब है कि पहले इस तरह के आरोप लगाने पर केवल आरोपी पुलिस वालों के खिलाफ विभागीय कारवाई होती थी. अब विभागीय कारवाई के साथ साथ रिश्वतखोर पुलिसवालों के खिलाफ अपराधिक मुक़दमा दर्ज होगा.

इस बैठक में भूमि विवाद और मॉब लींचिंग से निबटने की रणनीति पर भी गहन विचार विमर्श हुआ. बैठक के बाद गृह सचिव आमिर सुबहानी ने बिहार में सामने आ रहे मॉब लींचिंग के मामलों पर  कहा कि इस बारे में भी मीटिंग में बात हुई है. हालांकि सरकार ने मीटिंग के पहले ही इस मामले में सुप्रीम कोर्ट को अपनी रिपोर्ट भेज दी है.अब भूमि विवादों के निबटारे के लिए थानेदार के साथ सीओ नियमित रूप से जनता दरबार लगायेगें.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की समीक्षा बैठक में लिए गए निर्णयों और दिए गए निर्देशों की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि सभी जिलों में अब प्रखंडों के अंचलाधिकारी (CO) के साथ थानाध्यक्ष जनता दरबार लगाएंगे, जिनमें क्षेत्र के भूमि विवादों का हल निकाला जाएगा. सरकार मानना है कि अपराध का एक प्रमुख कारण गांव-घरों में होने वाले भूमि विवाद हैं. भूमि विवादों को सुलझाना जरूरी है. यह जनता दरबार हर शनिवार को लगाने का निर्देश जारी किया गया है.

आमिर सुबहानी ने बताया कि सभी थानों की समीक्षा कर 100 सबसे खराब परफॉर्म करने वाले थानों के 353 अधिकारियों-कर्मियों पर कार्रवाई की गई है. कार्रवाई के बाद इन थांना इलाकों में अपराध भी कम हुए हैं, जिसकी जानकारी आज समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दी गई.

बिहार के थानों की व्ववस्था सुधारने के लिए भी काम किया जाएगा. उन्होंने कहा कि बिहार में अभी 1064 थाने हैं. 169 थानों के पास अपनी जमीन नहीं है. इनके लिए संबंधित जिलों के DM को भूमि जल्द उपलब्ध कराने को कहा गया हैगृह सचिव ने बताया कि सभी थानों में कंप्यूटर सेट के साथ एक प्रिंटर और ऑपरेटर की व्यवस्था की जायेगी. रोजमर्रा के खर्च के लिए भी थानों को पर्याप्त राशि उपलब्ध कराई जाएगी. साथ ही अपनी समस्या लेकर आने वालों के लिए बैठने को अलग कमरा या शेड, कुर्सी, समाचार पत्र, पानी की व्यवस्था भी होगी. हर थाने में 2 गाड़ियों की व्यवस्था की जाएगी. अपराध, अनुसंधान और विधि व्यवस्था के लिए अलग-अलग टीम का गठन होगा.

इनके आलावे भी गृह सचिव ने पुलिस व्यवस्था में सुधार के लिए लिए गए दो अहम फैसलों की भी जानकारी दी. इनमें, 1 . पुलिस अधिकारियों को अब अपने थाने में आने वाले फरियादियों का FIR दर्ज करना ही होगा, चाहे वो किसी दूसरे थाना क्षेत्र का ही मामला क्यों न हो. बाद में इस FIR को संबंधित थाने में ट्रांसफर कर दिए जाएगा. पुलिस वालों पर रिश्वत लेते पकडे जाने पर अब आपराधिक कार्रवाई भी होगी. पहले इनपर मात्र अनुशासनिक और विभागीय कार्रवाई ही की जाती थी.

आमिर सुभानी ने कहा कि कानून-व्यवस्था और अनुसंधान के लिए थानों में अलग अलग अधिकारी तैनात होगें. अनुसन्धान कार्य में लगे अधिकारियों को कानून व्यवस्था के काम में नहीं लगाया जाएगा. उनका काम केवल अनुसन्धान समय से पूरा करना होगा. गृह सचिव ने कहा कि इसके लिए अलग से सभी थानों में अधिकारी तैनात किये जायेगें.

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