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मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले में 14 जनवरी को आएगा कोर्ट का फैसला

जांच में आश्रय गृह (शेल्टर होम) में किसी लड़की की हत्या के कोई सबूत सीबीआई को नहीं मिले हैं.

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मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले में 14 जनवरी को आएगा कोर्ट का फैसला

सिटी पोस्ट लाइव : बहुचर्चित  मुजफ्फरपुर शेल्टर होम सेक्स स्कैंडल  (Muzaffarpur Shelter Home Case) मामले में जांच कर रही सीबीआई (CBI) के अनुसार आश्रय गृह (शेल्टर होम) में किसी लड़की की हत्या नहीं की गई थी. CBI के अनुसार इस केस में हत्या के कोई सबूत नहीं मिले हैं, और सभी 35 लड़कियों को जीवित पाया गया है. सीबीआई (CBI) ने यह भी बताया कि जिनकी हत्या का शक जताया गया था वो सभी लड़कियां जीवित पाई गई हैं. जांच एजेंसी ने यह भी स्पष्ट किया कि वहां से मिली हड्डियां कुछ अन्य वयस्कों की पाई गई हैं न कि नाबालिग लड़कियों (Minor Girls) की.

गौरतलब है कि सीबीआई की इस रिपोर्ट का उस केस पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है जिसमें 14 जनवरी को ब्रजेश ठाकुर समेत 20 दोषियों को सजा सुनाई जानी है.दिल्ली की साकेत कोर्ट जिस केस में फैसला सुनाएगी वो मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में 40 नाबालिग बच्चियों और लड़कियों से रेप (Rape) और यौन शोषण से जुड़ा है. इस मामले में शेल्टर होम का संचालक बृजेश ठाकुर प्रमुख आरोपी है. इससे पहले अदालत ने मामले में सुनवाई पूरी करने के बाद 12 दिसंबर तक के लिए फैसले को टाल दिया था. इसके बाद 12 दिसंबर को भी साकेत कोर्ट के एडिशनल जज डॉ. सौरभ कुलश्रेष्ठ के छुट्टी पर होने की वजह से यह निर्णय टल गया था.

मुंबई की टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस (TISS) की रिपोर्ट के बाद इस मामले को सीबीआई को सौंपा गया था. जिसमें कोर्ट ने 20 मार्च, 2018 को मामले में आरोप तय किए थे. आरोपियों में आठ महिलाएं और 12 पुरुष शामिल हैं. सुप्रीम कोर्ट ने शेल्टर होम केस को सात फरवरी, 2019 को बिहार से दिल्ली ट्रांसफर किया था. जिसके बाद 23 फरवरी से इस मामले की साकेत कोर्ट में सुनवाई चल रही थी. लगभग सात महीने की सुनवाई के बाद सितंबर में साकेत कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

मुजफ्फरपुर बालिका गृह के साथ साथ राज्य के दुसरे 16 बालिका गृह में भी गंभीर खामियां पाई गई थीं.CBI ने अपनी रिपोर्ट में बिहार के 25 जिलाधिकारियों के खिलाफ कारवाई की अनुशंसा की है.जिन 25 IAS  अधिकारियों और 46 सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ सीबीआई ने कारवाई की अनुशंसा की है, उनके नाम की सूची और उनके अपराध का डिटेल्स बिहार के मुख्य सचिव दीपक कुमार को भेंज दिया है.

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