सृजन घोटाले में CBI की बड़ी कारवाई जेल भेजे गए बैंक ऑफ बड़ौदा के चीफ मैनेजर
सिटी पोस्ट लाइव :सृजन घोटाले कर रही सीबीआइ ने अपनी कारवाई तेज कर दी है. सीबीआई को बैंक ऑफ बड़ौदा के चीफ मैनेजर नवीन कुमार साहा को सीबीआइ की विशेष अदालत में पेश करने के बाद 19 अगस्त तक के लिए बेउर जेल भेंज देने में सफलता मिल गई है.अदालत ने नविन कुमार के खिलाफ 15 जुलाई को वारंट जारी किया था. यह गिरफ्तारी पटना के आयकर गोलम्बर के पास से मंगलवार की शाम को हुई थी.
गौरतलब है कि घटना के वक्त आरोपित भागलपुर के बैंक ऑफ बड़ौदा में वरीय प्रबंधक के पद पर तैनात थे. आरोपित मूल रूप से बांका जिले के निवासी हैं.इस महीने सीबीआइ द्वारा सृजन घोटाले में बैंक अफसरों की यह दूसरी गिरफ्तारी है. इसी मामले में सीबीआइ ने तमिलनाडु के शिवगंगा जिले में करायकुडी के इंडियन बैंक के जोनल ऑफिस में मुख्य प्रबंधक देव शंकर मिश्रा को गिरफ्तार किया था. इसके बाद सीबीआइ की विशेष अदालत में 2 अगस्त को पेश किया था. तब से वे जेल में हैं.
सीबीआइ ने साहा सहित 13 आरोपितों के खिलाफ 16 फरवरी 2018 को आरोपपत्र एजेंसी की विशेष अदालत में दायर किया था. इनमें करायकुडी (तमिलनाडु) इंडियन बैंक के जोनल ऑफिस के चीफ मैनेजर देव शंकर मिश्रा, भागलपुर में जिला परिषद के तत्कालीन CEO प्रभात कुमार सिन्हा, तत्कालीन नाजिर राकेश कुमार, भागलपुर इंडियन बैंक के तत्कालीन असिस्टेंट ब्रांच मैनेजर प्रवीण कुमार, सुब्रत दास, राम कृष्ण झा, वरुण कुमार, अमरेंद्र कुमार और तत्कालीन क्लर्क अरुण कुमार पांडेय, बैंक ऑफ बड़ौदा के तत्कालीन वरीय प्रबंधक नवीन कुमार साहा, सहायक बैंक मैनेजर अमरेंद्र प्रसाद, र्क्लक संत कुमार सिन्हा और अतुल रमण और सृजन महिला विकास सहयोग समिति की तत्कालीन मैनेजर सरिता झा शामिल हैं.
सीबीआइ सूत्रों के अनुसार प्राथमिकी आरसी 17ए/2017 के आरोपितों पर आरोप है कि उन्होंने आपस में सांठगांठ कर अवैध तरीके से वर्ष 2009 से वर्ष 2017 के बीच 31 करोड़ 73 लाख 98 हजार 781 रुपये सरकार के बैंक खाते से अलग-अलग तारीख में कई चेक के माध्यम से सृजन महिला विकास सहयोग समिति के खाते में स्थानांतरित करवा दिए. बाद में सृजन के खाते से रुपये निकाल आपस में बांट लिए थे.
यह मामला वर्ष 2008 का है. तब नवीन कुमार भागलपुर स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा में मैनेजर थे. उस वक्त भागलपुर जिला ग्रामीण विकास अभिकरण (डीआरडीए) के सरकारी खाते से मोटी रकम सृजन के खाते में ट्रांसफर की गई थी. सृजन घोटाले सामने आने के बाद इससे संबंधित मामला भागलपुर में दर्ज किया गया था, जिसे बाद में सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया गया.अब सीबीआई के रडार पर कई बड़े अधिकारी हैं जिनकी सलिप्त्ता सृजन घोटाले में पाई गई है.
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