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50 लाख की लॉटरी के चक्कर में शख्स ने बेच दिया घर-जमीन, हो गया बर्बाद

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सिटी पोस्ट लाइव : लॉटरी के जरिये लोगों को ठगने का कारोबार बड़े पैमाने पर चल रहा है.ठग लॉटरी जितने का लालच देकर लोगों को रोज छल रहे हैं. लॉटरी के चक्कर में बंगाल के एक शख्स ने अपना सबकुछ गंवा दिया है. बिहार के ठगों ने इस व्यक्ति को 50 लाख रुपया के लॉटरी का लालच देकर उसका सबकुछ लूट लिया है. 50 लाख की लॉटरी देने का लालच देकर ठगों ने इस व्यक्ति से 37 लाख की ठगी (Fraud) कर ली. बेटे की किडनी की बीमारी से जूझ रहे पिता ने पैसे के लोभ में सुपौल के दो ठगों को अपना घर, गाड़ी सब बेच कर रुपये दे डाले. जब उन्हें पुरस्कार का पैसा नहीं मिला तो पिता ने बंगाल के फरक्का थाना में आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है. सुपौल के वार्ड नंबर चार से दो ठगों को अब गिरफ्तार किया गया है.

दरअसल पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के फरक्का थाना फरक्का बैरेज प्रोजेक्ट निवासी गोविंदा प्रमाणीक के बेटे का दोनों किडनी फेल हो गया है. वो पैसे के अभाव में काफी चिंतित थे. डॉक्टरों ने उन्हें उनके बच्चे की किडनी जल्द से जल्द ट्रांसप्लांट करने को कहा लेकिन पैसे के अभाव में वो किडनी का ट्रांसप्लांट नही करवा रहे थे. इसी बीच उन्हे उदय ई-कॉमर्स प्राइवेट लिमिटेड से एक कॉल आया जिसमें उन्हें प्रथम प्राइज के रूप में 50 लाख 8 हजार रूपये का ऑफर दिया. कंपनी द्वारा बीमार बेटे से संबंधित डाक्टर का पर्चा सहित अन्य कागजात और फोटो की भी मांग की गई.

बेटे की बीमारी से लाचार पिता ने कंपनी के बताये व्हाट्स एप नंबर पर सारे कागजात भेज दिये. फिर कंपनी के द्वारा प्राइज की राशि लेने के एवज में रजिस्ट्रेशन चार्ज की मांग की गई. गोविन्दा प्रमाणीक ने 5 दिसंबर 2017 को रजिस्ट्रेशन चार्ज के रूप में 9 हजार 200 रूपये उदय प्रताप सिंह नाम के व्यक्ति के अकाउंट में जमा किया. इसके बाद कंपनी द्वारा अलग-अलग व्यक्ति के नाम के अकाउंट के माध्यम से और पैसे की मांग की जाती रही. लगभग 55 खातों में कुल 37 लाख रुपये मंगवा लिये गए. पीड़ित ने पुलिस को बताया कि कंपनी को अब तक कुल 37 लाख 33 हजार 911 रूपये जमा कर चुका हूं.

लॉटरी के चक्कर में पिता ने जमीन, जेवरात व गाड़ी सबकुछ बेंच दिया. ठगी के शिकार हुए पीड़ित के अनुसार उसके बेटे का इलाज भी बंद हो गया है. इस मामले में फरक्का पुलिस ने 10 अक्टूबर 2018 को केस दर्ज कर मामले की जांच शुरु की. जांच के दौरान पुलिस को 55 खातों में से दो खाते सुपौल के वार्ड नंबर 4 के रहने वाले सुभाष कुमार और सूरज कुमार के मिले. इसके बाद सुपौल सदर पुलिस की मदद से उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है ओर बंगाल पुलिस उन्हें अपने साथ ले गयी है. इस गिरोह के तार सुपौल से जुङने पर पुलिस भी आश्चर्य में है.

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