सिटी पोस्ट लाइव ( ओमप्रकाश ) : मुजफ्फरपुर बालिका गृह महा-रेपकांड को लेकर समाज कल्याण मंत्री नप गईं और दूसरे मंत्री निशाने पर हैं. यानी इस स्कैंडल को लेकर नेता निशाने पर हैं और खेल करनेवाले नौकरशाह मजे लूट रहे हैं. मनीषा से हुई पुलिसिया पूछताछ के दौरान कई बड़े खुलासे हो चुके हैं.मनीषा के साथ कई नेता और अधिकारी रात रात भर चैटिंग करते थे. अब पुलिस उनके चैटिंग का डिटेल्स जुटा रही है. सूत्रों के अनुसार मनीषा के संबंध भले नेताओं के साथ रहा है.लेकिन उसे इस ऊंचाई तक पहुँचानेवाले क्लास वन आइएएस और आईआरएस अधिकारी हैं.
सूत्रों के अनुसार मनीषा को फायदा पहुँचाने वाले तीन बड़े अधिकारियों की पहचान की गई है. सूत्रों के अनुसार समाज कल्याण विभाग में मनीषा को इंट्री दिलाने में और उसे काम दिलाने में एक आइएएस अधिकारी सुनील कुमार और आईआरएस अधिकारी ईमामुद्दीन अहमद का नाम सामने आ रहा है. सुनील कुमार समाज कल्याण विभाग में डायरेक्टर पद से इसी साल 31 मई महीने में सेवानिवृत हो चुके हैं और आईआरएस अधिकारी दिल्ली वापस जा चुके हैं..इनका मनीषा दयाल से बहुत पुराना और गहरा रिश्ता है.पुलिस तीसरे आईएएस अधिकारी एस एम राजू ,अमित कुमार और एक एक बड़े आइएएस अधिकारी जिनकी पत्नी अक्सर मनीषा के साथ देखी जाती थी,उनके साथ मनीषा के संबंधों के बारे में जानकारी जुटा रही है.
पुलिस की तीन दिनों से चल रही पूछताछ में खुलासा हुआ है कि गया की रहने वाली मनीषा के पिता का गया शहर में कारोबार है. मनीषा दयाल का भाई मनीष दयाल ही असली खिलाड़ी है. उसकी गया में अधिकारियों के साथ बहुत उठना –बैठना है. आईएएस एस एम राजू सुनील कुमार दोनों के साथ दयाल फैमिली का संबंध गया में ही बना. सुनील कुमार यहाँ डीआरडीए के डायरेक्टर थे.एस एम राजू मुंगेर में कमिश्नर और सुनील कुमार लखीसराय के कलक्टर बनकर आ गए. यहाँ भी मनीषा दयाल का भाई मनीष दयाल पहुँच गया.सारे नियम कानून को ताक पर उसकी कंपनी को प्लांटेशन का करोड़ों का ठेका दे दिया गया. लखीसराय के आरटीआई एक्टिविस्ट टुनटुन सिंह ने सिटी पोस्ट लाइव को बताया कि जब उन्होंने सवाल उठाने शुरु किए तो सबने अनदेखा कर दिया. फिर टुनटुन सिंह ने कोर्ट में मामला दर्ज करा दिया .फरवरी, 2018 में सीजेएम नारायण दास के आदेश पर मनरेगा में हुई गड़बडि़यों की जांच के लिए तत्कालीन जिलाधिकारी अमित कुमार और पूर्व जिलाधिकारी सुनील कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई.
इधर मनीषा दयाल भी पटना में नौकरशाही में अपनी पैठ बनानी शुरू कर चुकी थी. पेज-3 पार्टियों की शान बन चुकी इस ग्लैमर गर्ल के लिए नौकरशाहों को अपने जाल में फंसाना बहुत मुश्किल नहीं था. इस बीच लखीसराय के जिलाधिकारी सुनील कुमार समाज कल्याण विभाग में डायरेक्टर बनकर आ गए. सुनील कुमार के साथ भाई मनीष दयाल की पहले से ही सेटिंग थी ही इसलिए मनीषा दयाल को समाज कल्याण विभाग में घुसने में समय नहीं लगा. सुनील कुमार ने मनीषा दयाल को पटना के आसरा होम का दिलवा दिया. दूसरा आईआरएस अधिकारी भी यहीं डायरेक्टर था जो मनीषा के बहुत काम आया. अब यह अधिकारी दिल्ली वापस चला गया है. यहाँ स्पेशल डिपूटेशन पर आया था . उसके बारे में एनजीओ वालों का कहना है कि वह खुल्लेयाम कोई भी कॉन्ट्रैक्ट देने के लिए 30 फिसद कमीशन मांगता था. कई एनजीओ ने इसकी वजह से काम लेने से मना कर दिया. इसी की मदद से मनीषा की दुकान चल निकली. उसने एक एक कर 6 कॉन्ट्रैक्ट झटक लिए और देखते ही देखते उंच्ची उड़ान भरने लगी.अब पुलिस मनीषा दयाल को नंबर वन खिलाड़ी बनानेवाले ईन चार क्लास वन अधिकारियों के बारे में जानकारी जुटा रही है. वगैर पुख्ता जानकारी के उनके ऊपर हाथ डालना आसान नहीं है.
डिस्क्लेमर : सिटी पोस्ट लाइव ईन आरोपों की पुष्टि नहीं करता .अपने सूत्रों के हवाले से और अनुसंधान में जो बातें सामने आ रही हैं, उसे अपने पाठकों के लिए रख रहा है. वैसे भी वगैर जांच के किसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता .लेकिन जब उंगुली उठ रही हो तो, जांच तो हो ही जानी चाहिए ताकि भ्रम का माहौल ख़त्म हो.
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