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कोरोना की तीसरी लहर से कैसे कर सकते हैं अपने जान की रक्षा?

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सिटी पोस्ट लाइव : अभी पूरा देश कोरोना वायरस महामारी की दूसरी भयानक लहर से जूझ रहा है. इसका पीक कब आएगा और यह लहर कब खत्म होगी, ऐसे सवालों के बीच उससे भी ज्यादा खतरनाक तीसरी लहर आने की आशंका ने लोगों को दहला कर रख दिया है. केंद्र सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के. विजय राघवन ने बुधवार को चेताया कि तीसरी लहर आएगी, जरूर आएगी, उसे आने से कोई रोक नहीं सकता. उन्होंने यह भी कहा कि तीसरी लहर कब आएगी, इसके बारे में अभी पुख्ता तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता.

दूसरी लहर के दौरान भी ऐसा देखा जा चुका है कि जिन लोगों के शरीर में संक्रमण से ठीक होने के बाद कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी बने या फिर वैक्सीन लेने के बाद इम्युनिटी डिवेलप हुई, उन लोगों को भी वायरस संक्रमित कर रहा है.कोरोना की मौजूदा लहर के मई मध्य में पीक पर पहुंचने की संभावना है. इस बीच कोरोना को लेकर भविष्यवाणी करने वाले केंद्र सरकार के मैथमेटिकल मॉडलिंग एक्सपर्ट प्रफेसर एम. विद्यासागर की माने तो अगले हफ्ते से कोरोना की दूसरी लहर ढलान पर होगी. प्रफेसर विद्यासागर ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर 7 मई को पीक पर हो सकती है और उसके बाद केस घटने शुरू हो सकते हैं.

वैसे 1918-20 में आए स्पैनिश फ्लू की तीसरी लहर दूसरी से कम खतरनाक लेकिन पहली लहर से बहुत ही ज्यादा खतरनाक थी. हालांकि, स्पैनिश फ्लू और कोरोना महामारी की इस तरह तुलना भी नहीं की जा सकती.सरकार के प्रिंसिपल साइंटिफिक अडवाइजर के. विजय राघवन ने तो बुधवार को तीसरी लहर के बारे में आगाह किया लेकिन CSIR के डायरेक्टर जनरल शेखर सी. मांडे ने फरवरी में ही आगाह कर दिया था कि कोरोना की तीसरी लहर को लेकर तैयार रहना चाहिए. काउंसिल ऑफ साइंटिफिक ऐंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (CSIR) के डीजी ने फरवरी के आखिर में राजीव गांधी सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी की तरफ से आयोजित एक डिजिटल कार्यक्रम में कोरोना की तीसरी लहर के खतरे को लेकर चेताते हुए कहा था कि अगर यह आई तो इसके नतीजे बेहद खतरनाक होंगे.

मई मध्य में कोरोना की दूसरी लहर के पीक के बाद अगले 4-5 महीनों तक संक्रमण के मामले कम होते रहेंगे. उसके बाद मामले फिर बढ़ने शुरू हो सकते हैं. इस तरह अक्टूबर या नवंबर तक तीसरी लहर की शुरुआत हो सकती है. अलग-अलग राज्यों या शहरों में यह अलग-अलग वक्त पर आ सकता है. अरोड़ा ने बताया कि पहली लहर का पीक सितंबर में आया था और उसके बाद 4 महीने तक मामले घटते चले गए थे. लेकिन फरवरी में दूसरी लहर शुरू हो गई.

सरकार के प्रिंसिपल साइंटिफिक अडवाइजर ने तीसरी लहर के जरूर आने को लेकर आगाह किया है लेकिन साथ में यह भी बताया है कि इससे निपटने का तरीका क्या है. तीसरी लहर से निपटने का सबसे बड़ा हथियार वैक्सीनेशन होगा. अगर सितंबर-अक्टूबर तक कोरोना की तीसरी लहर आती है तो देश के पास अभी 5-6 महीने हैं. इस दौरान वैक्सीनेशन को युद्धस्तर पर अंजाम देने की जरूरत होगी. जुलाई तक रूसी वैक्सीन स्पूतनिक V का भी भारत में प्रोडक्शन शुरू हो जाएगा. उसके अलावा भी कुछ और वैक्सीन हमारे पास होंगी.

कोरोना वायरस इंसानों से इंसानों में फैलता है. इसका कोई भी वेरिएंट हो वह ह्यूमन टु ह्यूमन ही फैलता है. इसलिए इसके संक्रमण की कड़ी को सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क लगाने समेत कोविड एप्रोप्रिएट बिहैवियर का सख्ती से पालन के जरिए तोड़ा जा सकता है. यानी लोगों को पूरी शिद्दत से कोरोना से जुड़े नियमों का पालन करना ही होगा.

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