सिटी पोस्ट लाइव : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश के अनुसार हर रोज दस हजार कोरोना सैम्पल की जांच करना है.इस टारगेट को पूरा करने में स्वास्थ्य विभाग दिन रात जूता हुआ है. बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय का कहना है कि लगातार जांच की संख्या बधाई जा रही है.एक हजार से बढ़ाकर इसे साढ़े तीन हजार कर दिया गया है. अगले 15 दिनों में पांच हजार से ज्यादा संपल की जांच शुरू हो जायेगी.दस हजार सैम्पल के जांच के CM द्वारा तय किये गए लक्ष्य को भी बहुत जल्द पूरा किया जाएगा.
गौरतलब है कि राज्य में कोरोना संक्रमण का आंकड़ा ढाई हजार के आसपास पहुँचने वाला है.शुक्रवार तक ये आंकड़ा 2166 तक पहुंच चुका है.मंगल पाण्डेय का कहना है कि जैसे जैसे जांच की संख्या बधाई जा रही है संक्रमण के ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. सीएम नीतीश कुमार के निर्देश के बाद राज्य के 7 जांच लैब में जहां सैम्पल क्षमता बढ़ाई गई है, वहीं 9 जिलों में मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पतालों में ट्रू नेट मशीनों से भी जांच शुरू हो गई है. ताजा आंकड़ा की बात करें तो अब तक जहां 7 जांच केंद्रों में आरटीपीसीआर और सीबी नेट मशीनों से 58,481 सैंपल की जांच हो चुकी है. वहीं नए ट्रू नेट मशीनों से 424 सैंपल की जांच हुई है.
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय की मानें तो भारत सरकार से सीबी नेट और आरटीपीसीआर मशीनों की जल्द आपूर्ति कराने की मांग की गई है, जबकि 45 ट्रू नेट मशीनें भी जल्द बिहार सरकार को उपलब्ध करा दी जाएंगी. इसके बाद रोज 4000 से ज्यादा सैम्पल की जांच हो पाएगी. बताते चलूं कि वर्तमान में 2800 तक सैम्पल की जांच हो पा रही है और औसतन डेढ़ सौ से 200 पॉजिटिव मरीजों की पुष्टि हो रही है.
बिहार में जांच में सबसे आगे आरएमआरआई है, जहां अब तक 30 हजार से ज्यादा सैम्पल की जांच हो चुकी है जबकि आईजीआईएमएस में 7,486 सैम्पल का टेस्ट हुआ है. सबसे खराब परफॉर्मेंस जेएलएनएमसीएच भागलपुर का है, जहां 20 दिनों में मात्र 478 जांच हो पाई है और इसकी सबसे बड़ी वजह सीबी नेट मशीन की किट खत्म होना है.
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