सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में लॉकडाउन का असर साफ़ दिखाई देने लगा है. फले हर रोज जहाँ पंद्रह हजार नए संक्रमण के मामले सामने आने लगे थे, अब वो घटकर 1,113 तक आ गया है. सरकारी आंकड़ों के हिसाब से कोरोना पूरी तरह से नियंत्रण में आ गया है. कोरोना संक्रमण की लहर कमजोर पड़ गई है. लेकिन चिंता की बात ये है कि मरनेवालों की संख्या में अभी भी बहुत कमी नहीं आई है. सोमवार को भी बिहार में 59 मरीजों की जान चली गई. सबसे ज्यादा सात कोरोना मरीजों (Corona Patient) की मौत पटना स्थित एम्स अस्पताल में हुई. जबकि पीएमसीएच (PMCH) में एक भी मरीज की कोविड 19 से मौत नहीं हुई
सरकार के रिकार्ड्स के अनुसार एक्टिव केस की संख्या अब घट कर 16,235 रह गई है. सोमवार को यहां कोविड 19 (Covid 19) से 59 मरीजों की जान चली गई. सबसे ज्यादा सात कोरोना मरीजों की मौत पटना स्थित एम्स अस्पताल में हुई. जबकि पीएमसीएच (PMCH) में एक भी मरीज की कोविड 19 से मौत नहीं हुई. इस दौरान कुल 3,196 मरीजों ने उपचार के बाद कोरोना को मात दी. जिससे राज्य में रिकवरी रेट बढ़ कर 96.97 प्रतिशत तक पहुंच गया है.
पटना के अलावा शेष अन्य 37 जिलों में लगातार दूसरे दिन कोरोना के 100 से कम नए मामले सामने आए. कोरोना संक्रमण से लगातार जूझ रहे बिहार के लिए यह सुखद संकेत है. पिछले चौबीस घंटे के दौरान राज्य के सात जिलों में 10 से कम संख्या में कोरोना के नए मरीज मिले हैं. इनमें सबसे बेहतर कैमूर है जहां सिर्फ तीन पॉजिटिव केस की पुष्टि हुई है. वहीं, पटना में 164, कटिहार में 55, गोपालगंज में 62, अररिया में 29, बेगूसराय में 55, भागलपुर में 31, सुपौल में 49, पश्चिमी चंपारण में 29, वैशाली में 24, मुजफ्फरपुर में 56, समस्तीपुर में 41, सारण में 33, नालंदा में 49, पूर्णिया में 44, सहरसा में 37, मधुबनी में 47, दरभंगा में 25 कोरोना के केस सामने आए हैं.
गौरतलब है कि पटना में मरीजों को अस्पताल में जगह नहीं मिल्पा रही थी.जरुरी दवाओं की घोर किल्लत थी. ऑक्सीजन की कमी की वजह से ओग जान गवां रहे थे.लेकिन अब संक्रमण की रफ़्तार धीमी पड़ने से पटना जिले के सभी आइसोलेशन सेंटरों में 99 प्रतिशत बेड खाली हो गए हैं. कोरोना के कंट्रोल में आने के बाद भी ये कोविद सेंटर बंद नहीं किये जायेगें. सभी स्वास्थ्यकर्मी आगे भी प्रतिनियुक्त रहेगें.पटना में उपलब्ध 1,013 बेड पर अब महज 15 मरीज इलाजरत हैं बाकि सभी बेड खाली हैं.
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