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बिहार में कोरोना से मरनेवालों के आंकड़े में बड़ा गड़बड़झाला उजागर.

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सिटी पोस्ट लाइव :कोरोना के संक्रमण के आंकड़े में भारी गड़बड़झाला उजागर हुआ है. स्वास्थ्य विभाग के द्वारा आंकडों में हेरफेर की बात सामने आ रही है.ये हेरफेर थोडा बहुत नहीं बल्कि बहुत ज्यादा है. कोरोना के कहर के कारण मरनेवाले लोगों की संख्या छुपाने का मामला सामने आया है. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार अब तक 5458 लोगों को कोरोना से मौत हुई है लेकिन हकीकत में मौत का आंकड़ा 9375 के पार बताया जा रहा है. अभी तक करीब 72% मौत का आंकड़े को छुपाया जा रहा था. इसका खुलासा किसी और ने नहीं बल्कि स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत के निर्देश पर दो स्तर से कराई गई जांच में हुआ है.

मौत के आंकड़ों में गड़बड़झाला का खुलासा पटना जिला प्रशासन की समीक्षा में भी हुआ था. अब तर्क दिया जा रहा है कि जो आंकड़े बढ़े हैं, उसमें होम आइसोलेशन और अस्पताल में जाने के दौरान रास्ते में होने वाली मौत भी शामिल है.प्रत्यय अमृत का कहना है कि कोरोना से होने वाली मौत में जिलों से आंकड़ा नहीं भेजा जा रहा था. आंकड़ों में लापरवाही करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी की जा रही है. प्रधान सचिव ने बताया कि कोरोना से होने वाली मौतों की समीक्षा कराई गई .। एक में मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक व प्रिंसिपल के साथ मेडिसिन विभाग के एचओडी को रखा गया था.दूसरी टीम में सिविल सर्जन-ACMO के साथ एक अन्य मेडिकल अफसर को शामिल किया गया था. समीक्षा में यह बात सामने आई कि कोरोना से मौत के आंकड़ों को अपडेट नहीं किया जा रहा था.

18 मई को स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने कमेटी बना कर कोरोना से होने वाली मौत की समीक्षा का आदेश दिया था। तब मेडिकल कॉलेज और जिलों से हुई समीक्षा में सामने आया कि 72% मौत का राज रिकॉर्ड में लाया ही नहीं गया है. प्रधान सचिव का कहना है कि यह काफी गंभीर मामला है और इस मामले में जो भी लापरवाही हुई है उसमें वैधानिक कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने माना है कि इस संवेदनशील मामले में विभाग में काफी असंवेदनशीलता की गई है. इसका जिम्मेदार जो होगा उसे भुगतना होगा.

गौरतलब है कि कोरोना का आंकड़ा स्वास्थ्य विभाग हर दिन जारी करता है. कोरोना की दूसरी लहर में मौत का ग्राफ तेजी से बढ़ा तो आंकड़ों पर पर्दा पड़ गया. स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि कोरोना से होने वाली मौत की जानकारी छिपाई गई. जिला व मेडिकल कॉलेज स्तर पर जो भी मौत हुई वह सामने नहीं आ पाई. होम आइसोलेशन में हुई मौत को भी नहीं बताया गया. घर से अस्पताल ले जाते समय रास्ते में जो मौत हुई उसे भी नहीं बताया गया. कई अस्पतालों ने भी मौत की जानकारी दर्ज नहीं है.जाहिर है कोरोना से मरनेवाले लोगों को मुवावजा मिलने में भी बड़ी मुश्किल आयेगी.

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