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क्वारंटाइन सेंटर का जिम्मा संभाल रहे शिक्षक संकट में, खर्च कर दिया 150, भुगतान केवल 51 रुपये

खर्च हुआ डेढ़ सौ, भुगतान होगा 51 रुपया, क्वारेंटाइन सेंटर के बजट ने हेड मास्टरों की उड़ाई नींद.

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सिटी पोस्ट लाइव : कोरोना महामारी को लेकर राज्य में पिछले दो महीने से क्वारेंटाइन सेंटर चल रहे हैं. लेकिन अभीतक क्वारेंटाइन सेंटर में रहनेवाले प्रवासियों के खाने-पीने के बजट को लेकर संशय बना हुआ है. खाने-पीने की बजट को लेकर क्वारेंटाइन सेंटर को संचाईट करनेवाले प्रधानाध्यापक और अधिकारी परेशान हैं. बिहार में आपदा प्रबंधन की देखरेख में लगभग 350 क्वारंटीन सेंटर संचालित हो रहे हैं जिसका जिम्मा स्कूल के हेडमास्टर साहब को दिया गया था. निगरानी का जिम्मा बीडीओ और सीओ को दिया गया था.

हैरानी की बात तो ये है कि आवासित व्यक्तियों को हेडमास्टर साहब ने आदेश के मुताबिक दो माह 2 टाइम भोजन और एक टाइम का नाश्ता करवाया जिसमें खाने में चावल, दाल, सब्जी, भुजिया, सलाद से लेकर पापड़ तक शामिल है. इसके अलावा नाश्ता भी करवाया. लेकिन अब आपदा विभाग के बजट ने उन्हें परेशान कर दिया है. आपदा विभाग ने ये स्पष्ट ही नहीं किया कि एक व्यक्ति पर कितनी राशि खर्च करनी है.आलम यह है कि किसी जिले में आपदा विभाग ने राशि तय की तो कहीं डीएम ने जिससे कन्फ्यूजन और बढ़ गया. अब जब 2 माह  बाद बिल के भुगतान की बारी आयी तो हेडमास्टर से 51 रुपये की दर से डीपीओ मध्याह्म  भोजन ने बिल जमा करने आदेश निर्गत कर दिया है.

क्वारेंटाइन सेंटर का खर्च चलानेवाले हेडमास्टर के अनुसार एक व्यक्ति पर खर्च 100 रुपया से ज्यादा हुआ है. लेकिन भुगतान 51 रुपये किये जायेंगे. कई जिलों में डीपीओ ने कुछ ऐसा ही आदेश हेडमास्टर को दिया है जिससे सभी परेशान हैं. सरकार के इस रवैए से शिक्षक संघ में भी गुस्सा है. शिक्षक नेता शिशिर कुमार पांडेय, नवनीत मिश्रा, बंशीधर ब्रजवासी, आनंद कौशल, आनंद मिश्रा, ने सरकार पर शिक्षकों का शोषण करने का आरोप लगाया है. उन्होंने  कहा है कि सरकार ने सभी जिलों में शिक्षकों को कंफ्यूज कर दिया है जिससे सभी को पॉकेट से पैसा देने की नौबत आ गयी है. क्वारेंटाइन सेंटर शुरू होते वक्त कई जिलों में बीडीओ और सीओ ने पत्र जारी किया था जिसमें 100 रुपये भोजन और 25 रुपये नाश्ता पर खर्च बताया गया था. लेकिन बाद में इससे भी इंकार कर दिया गया और राशि घटकर 51 हो गया.

हेडमास्टर परेशान हैं, बीडीओ और सीओ भी संकट में फंसे हुए हैं. उनकी समझ में ये नहीं आ रहा कि खाना नाश्ता में उन्होंने खर्च कर दिया है प्रति व्यक्ति डेढ़ सौ रुपये और आपदा प्रबंधन विभाग उन्हें 51 रुपये से ज्यादा देने को तैयार नहीं है. उनकी समझ में ये बात नहीं आ रही है कि बाकी की रकम का वो कहाँ से व्यवस्था करेगें. 2 माह में खर्च हुई राशि की भरपाई कौन करेगा?हेडमास्टर के बिल का भुगतान बीडीओ और सीओ को ही कराना है. ऐसे में अब क्वारेंटीन सेंटर हर किसी के लिए मुसीबत बन गया है.

हालाकि बीडीओ, सीओ से लेकर कोई भी हेडमास्टर कैमरे पर आने को तैयार नहीं हैं. सभी अधिकारी , शिक्षक फोन पर अपना संकट सिटी पोस्ट लाइव के साथ साझा कर रहे हैं. अब सवाल ये उठता है कि एक तरफ सरकार क्वारेंटाइन सेंटर में प्रति व्यक्ति खाना-नाश्ता पर 53 00 रुपये खर्च किये जाने के दावे किये जा रहे थे और अब 51 रुपये में 2 वक्त का भोजन और एक वक्त का नाश्ता देने के एवज में भुगतान किया जा रहा है.

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