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निजीकरण के खिलाफ मंगलवार को विद्युत कर्मियों की हड़ताल, 24 घंटे का ब्लैकआउट

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निजीकरण के खिलाफ मंगलवार को विद्युत कर्मियों की हड़ताल, 24 घंटे का ब्लैकआउट

सिटी पोस्ट लाइव :  ऊर्जा क्षेत्र को निजी (Privatization) हाथों में देने की अटकलों को लेकर बिहार के बिजली विभाग के कर्मचारी आंदोलित हैं. विद्युत कर्मियों ने निजीकरण के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने 11 फरवरी यानि कल पूरे बिहार में 24 घंटे का ब्लैकआउट करने का ऐलान किया है. विद्युत कर्मियों का ये टोकन हड़ताल होगा. विद्युत कामगार पदाधिकारी अभियंता संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत को एक पत्र सौंपकर इसका ऐलान किया है. विद्युत विभाग के कर्मियों के इस टोकन हड़ताल के ऐलान के बाद विभाग के बड़े अधिकारियों के हाथ-पावं फुल रहे हैं.

हालांकि इस हड़ताल से कई संगठनों ने अपना नाम वापस लेते हुए गलत बताया है. जिन संगठनो ने अपना नाम वापस लिया है उसमें, बिहार-झारखंड राज्य विद्युत परिषद, फिल्ड कामगार यूनियन, बिहार राज्य विद्युत प्रशासनिक सेवा संघ, बिहार राज्य कर्मचारी महासंघ हैं. निजीकरण के खिलाफ अभी भी कई संगठन हड़ताल करने पर अड़े हुए हैं जबकि विभाग के अधिकारी इस कोशिश में जुटे हैं कि किसी तरह उन्हे मना लिया जाए. खासकर विद्युत क्षेत्र में काम करने वाले संगठन पेसा अभी भी हड़ताल पर अड़ा है. 

बताते चलें निजीकरण को लेकर इससे पहले बिहार के ऊर्जा मंत्री विजेंद्र यादव ने भी कर्मियों को आश्वासन दिया था. उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार की तरफ से ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं आया है जिसमें बिजली विभाग को निजी हाथों में सौंपे जाने की बात हो. कुछ लोग इस तरह की अफवाह फैला रहे हैं. कर्मियों को इस अफवाह पर ध्यान नहीं देना चाहिए और अपना काम करना चाहिए.  वहीं ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने कहा था कि 11 फरवरी को हड़ताल का जो कॉल किया गया है उस पर विभाग ने एसेंसियल सर्विसेज मेंटेनेंस एक्ट लगा दिया है. अगर उस दिन विभाग के कर्मी हड़ताल पर जाएंगे तो उन पर इसके तहत कार्रवाई की जाएगी. जिसके बावजूद मंगलवार को हड़ताल पर अड़े हुए  हैं.

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