City Post Live
NEWS 24x7

उपमुख्‍यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने किया वार्षिक पुरातात्विक संगोष्‍ठी का उद्घाटन

-sponsored-

-sponsored-

- Sponsored -

उपमुख्‍यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने किया वार्षिक पुरातात्विक संगोष्‍ठी का उद्घाटन

सिटी पोस्ट लाइव : पुरातत्‍व निदेशालय, कला, संस्‍कृति एवं युवा विभाग, बिहार तथा इंडियन आर्कियोलॉजिकल सोसाइटी, नई दिल्‍ली इंडियन सोसाइटी फॉर प्री-हिस्‍टॉरिक एंड क्‍वार्टनरी स्‍टडीज, पुणे इंडियन हिस्‍ट्री एंड कल्‍चर सोसाइटी, नई दिल्‍ली के तत्‍वावधान में आज पटना स्थित ज्ञान भवन में बिहार के उपमुख्‍यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने ‘वार्षिक पुरातात्विक संगोष्‍ठी’ का विधिवत उद्घाटन किया। इस मौके पर कला, संस्‍कृ‍ति एवं युवा विभाग के प्रधान सचिव रवि मनुभाई परमार, इंडियन आर्कियोलॉजिकल सोसाइटी के महासचिव के एन दीक्षित, प्री-हिस्‍टॉरिक एंड क्‍वार्टनरी स्‍टडीज के महासचिव प्रो. पी पी जोगलेकर, नेशनल म्‍यूजियम के डायरेक्‍टर जेनरल डॉ बी आर मणि, प्रो. वी शिंदे,इंडियन आर्कियोलॉजिकल सोसाइटी के सचिव ओ पी टंडन और पुरातत्‍व निदेशालय, कला, संस्‍कृति एवं युवा विभाग, बिहार के निदेशक डॉ अ‍तुल कुमार वर्मा मौजूद रहे। गेस्‍ट ऑफ ऑनर का संबोधन आईसीएचआर के चेयरमैन प्रो. ए पी जेमखेडकर ने किया। वोट ऑफ थैंक्‍स डिप्‍टी सेक्रेटरी तारानंद वियोगी ने दिया।

उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए उपमुख्‍यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार की पुरातात्विक धरोहर, विरासत और परंपरा हमें गौरवान्वित करती है। इस विरासत को सहेजने और संवारने का काम मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्‍व में बिहार सरकार कर रही है। आज बिहार के पास दो वर्ल्‍ड हैरिटेज हैं – एक नालंदा विश्‍वविद्यालय का भग्‍नावशेष और एक गया का महा बोधि मंदिर। वहीं, अभी हाल ही में निर्मित बिहार म्‍यूजियम भी बिहार की पुरातात्विक विरासत को आगे बढ़ाने का काम कर रही है। तभी तो इस म्‍यूजियम का जिक्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार दौरे के बाद अपने भाषण में उल्‍लेख किया था। बिहार म्‍यूजियम विश्‍व स्‍तरीय म्‍यूजियम से कम नहीं है। अभी हाल ही में लखीसराय के तेलहाड़ा में खुदाई के दौरान डांसिंग बुद्धा की मूर्तियां मिली है। यह बताता है कि वहां एक समृद्ध साधना केंद्र हुआ करता था।

उन्‍होंने कहा कि जब बिहार से झारखंड अलग हुआ था। तब लोगों ने कहना शुरू कर दिया था कि बिहार के पास कुछ नहीं बचा। लेकिन बिहार के बौद्ध, जैन और सिखों के तीर्थस्‍थल हैं, जहां दुनिया भर से पर्यटक आते हैं। बिहार की समृद्ध विरासत दुनिया के लोगों को अपनी ओर खींचती है। इसलिए बिहार सरकार अपने धरोहरों और विरासतों को सहेजने और संवारने का काम लगातार कर रही है। इस क्रम में राज्‍य सरकार ने हर जिले में म्‍यूजियम बनाने का फैसला किया है। एक पुरातत्‍व भवन के निर्माण का निर्णय लिया है। जल्‍द ही पुरातात्विक एटलस का भी निर्माण कराया जाएगा। साथ ही बिहार सरकार अपने पुरातात्विक साइटस के विकास के लिए 15वें वित्त आयोग से 417 करोड़ रूपए की मांग करेगी। साथ ही 300 करोड़ की लागत से सरकार द्वारा बुद्ध की एक विशाल संरचना का निर्माण किया जायेगा, जिसमें भगवान बुद्ध की अस्थियों को प्रदर्शित किया जायेगा।

वहीं, उद्घाटन सत्र के उपरांत दूसरे सत्र में मेमोरियल लेक्‍चर का आयोजन किया गया, जिसमें विद्वानों ने भारतीय धरोहरों के संरक्षण, विकास और खोज पर अपने विचार रखे और महत्‍वपूर्ण चर्चा की। बिहार में पहली बार आयोजित हो रहे ‘वार्षिक पुरातात्विक संगोष्‍ठी’ में पुरातत्‍व निदेशालय, कला, संस्‍कृति एवं युवा विभाग, बिहार के निदेशक डॉ अ‍तुल कुमार वर्मा ने कहा कि इस राष्‍ट्रीय संगो‍ष्‍ठी में भारत के विभिन्‍न राज्‍यों के प्रतिभागियों के 120 से भी ज्‍यादा सार प्राप्‍त हुए हैं। दिनांक 7 और 8 फरवरी को इस कार्यक्रम के विद्वत सत्रों का आयोजन पटना संग्रहालय में किया गया है। इस संगोष्‍ठी के उद्घाटन सत्र में कई स्‍मृति व्‍याख्‍यान का आयोजन किया गया है। इस स्‍मृति व्‍याख्‍यान को डॉ के एन दीक्षित, डॉ बी आर मृणि (महानिदेशक, राष्‍ट्रीय संग्रहालय), डॉ बसंत शिंदे (कुलपति, डककन कॉलेज, पुणे),प्रो. प्रकाश सिन्‍हा (इलाहाबाद विश्‍वविद्यालय), प्रो. आलोक त्रिपाठी (सिल्‍चर विश्‍वविद्यालय, असम), डॉ के सी नौरियाल (संरक्षण एवं उत्‍खनन पदाधिकारी बिहार), डॉ युथिका मिश्रा व डॉ विजय चौधरी (कार्यपालक निदेशक, बिहार विरासत समिति) द्वारा दिये जायेंगे।

- Sponsored -

-sponsored-

Subscribe to our newsletter
Sign up here to get the latest news, updates and special offers delivered directly to your inbox.
You can unsubscribe at any time

-sponsored-

Comments are closed.