सिटी पोस्ट लाइव : तेजस्वी यादव को CM बनाने के अपने बयान पर बवाल होने पर शिवानन्द तिवारी ने तो सफाई दे दी.उन्होंने कहा कि वे पुरानी बातों को दोहरा रहे थे. बहुत पहले उन्होंने नीतीश को यह सलाह दी थी. उनके कथन को गलत ढंग से पेश किया गया. लेकिन JDU संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने जबाब दिया कि नीतीश कुमार का इंतजार देश की जनता कर रही है. उन्हें अभी आश्रम जाने की जरूरत नहीं है. इसके विवाद ठंडा पड़ गया.लेकिन इधर गुरुवार को जगदानंद सिंह ने नई दिल्ली में ये कहकर फिर से मामले को तूल दे दिया कि तेजस्वी यादव 2023 में राज्य के मुख्यमंत्री बन जाएंगे और नीतीश कुमार देश की राजनीति करेंगे.
इसमे शक की कोई गुंजाइश नहीं कि सरकारी महकमे भी भी तेजस्वी यादव को अधिकारी गंभीरता से ले रहे हैं.उन्हें भविष्य का CM मानकर चल रहे हैं. हर विभाग की समीक्षा बैठक में तेजस्वी सक्रिय रूप से शामिल रहते हैं. सलाह देते हैं और उन्हें महत्व भी दिया जाता है.वो बीजेपी सरकार के उप मुख्यमंत्री की तरह केवल नाम के नहीं हैं. कार्यशैली और लोक व्यवहार भी तेजस्वी का अपने पिता लालू प्रसाद की तरह नहीं बल्कि नीतीश कुमार की तरह ही है.बोलचाल में और चाल ढाल में भी वो नीतीश कुमार का ही अनुशरण करते नजर आ रहे हैं.ऐसा लगता है कि नीतीश खुद तेजस्वी को राजकाज का प्रशिक्षण दे रहे हैं. तेजस्वी प्रशिक्षित हो रहे हैं, मुखर हो रहे हैं, दल और सरकार में पूरी पकड़ बनाए हुये हैं. सरकार चलाने में जिस तरह का सहयोग कर रहे हैं, उससे लगता है कि नीतीश कुमार और उनके बीच सबकुछ ठीक चल चल रहा है.
जिस तरह से RJD के नेता तेजस्वी को CM बनाने की मांग कर रहे हैं इससे JDU के कुछ नेताओं को लग रहा है कि भाजपा की तरह राजद भी विधायकों की कम संख्या के नाम पर उसे बार-बार छोटे भाई का अहसास करा रहा है. भाजपा का ऐसा रुख ही अंतत: दोनों दलों में अलगाव का मुख्य कारण बना था.लेकिन RJD के नेताओं के ब्यान में वैसा दम नहीं दीखता.RJD में तो जब तेजस्वी यादव और लालू यादव खुद बोलेगें तभी उसका कुछ मतलब निकलता है.तेजस्वी यादव तो अपने नेताओं को इस तरह की बात नहीं करने की नसीहत भी दे चुके हैं.जिस तरह से नीतीश और तेजस्वी की जुगलबंदी दिख रही है, उससे कहीं कोई संभावना नहीं दिखती किसी प्रकार की कटुता की.
लेकिन ऊपर जैसी शांति नीचे नहीं है. बिहार में भाजपा का साथ छोड़ राजद के साथ सरकार बनने पर ही यह आम होने लगा था कि नीतीश के उत्तराधिकारी उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ही होंगे. ऐसा कब होगा, इस पर अटकलें हैं. जदयू सशंकित है और राजद बेचैन. रह-रह कर राजद से तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाए जाने के स्वर फूट रहे हैं. जदयू की तरफ से इसको खारिज किया जा रहा है. राजद और जदयू के नेता कुछ कहें, लेकिन न नीतीश के स्तर से इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी आई है और न ही तेजस्वी की तरफ से. अवधारणा के स्तर पर देखें तो आम लोग और महागठबंधन यहां तक कि एनडीए के लोग भी मान कर चल रहे हैं कि बिहार में तेजस्वी ही नीतीश कुमार की राजनीतिक सत्ता के उत्तराधिकारी बनने जा रहे हैं.लेकिन कब केवल नीतीश कुमार ही तय करेगें.
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