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आज साल का पहला चंद्रग्रहण, एक ही बार में दिखेगा सुपरमून- ब्‍लड मून.

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सिटी पोस्ट लाइव :आज का दिन विशेष है.आज “साल का पहला चंद्रग्रहण  (Lunar eclipse 2021)लग रहा है.आज  26 मई को होनेवाला पूर्ण चंद्रग्रहण दुनिया भर के कई देशों में दिखाई देगा. खास बात यह है कि एक ही बार में सुपरमून (Supermoon 2021), चंद्र ग्रहण (Lunar eclipse 2021) और ब्लड मून (Blood Moon) 2021 होगा. ग्रहण का पार्शियल फेज दोपहर सवा 3 बजे शुरू होगा और शाम 6 बजकर 23 मिनट पर खत्म होगा. पूर्ण चरण शाम 4 बजकर 39 मिनट पर शुरू होकर शाम 4 बजकर 58 मिनट पर खत्म होगा. IMD के मुताबिक पोर्ट ब्लेयर से चंद्रग्रहण (Full lunar eclipse) शाम 5 बजकर 38 मिनट से 45 मिनट तक के लिये देखा जा सकता है जो भारत में ग्रहण का सबसे अधिक समय होगा. यह पुरी और मालदा से भी शाम 6 बजकर 21 मिनट से देखा जा सकता है, लेकिन यहां नजारा सिर्फ 2 मिनट के लिये दिखेगा.

पृथ्वी का चक्कर काटते समय ऐसी स्थिति बनती है जब चंद्रमा पृथ्वी के सबसे नजदीक होता है यानी सबसे कम दूरी होती है. इस दौरान कक्षा में करीबी बिंदु से इसकी दूरी करीब 28,000 मील रहती है. इसी परिघटना को सुपरमून (Supermoon) कहा जाता है. इसमें सुपर का क्या अर्थ है? चंद्रमा के निकट आ जाने से यह आकार में बड़ा और चमकीला दिखता है. वैसे, सुपरमून और सामान्य चंद्रमा के बीच कोई अंतर निकालना कठिन है जब तक कि दोनों स्थिति की तस्वीरों को किनारे से ना देखें.

चंद्र ग्रहण तब लगता है जब चंद्रमा पृथ्वी की छाया में पूरी तरह या आंशिक रूप से छिप जाता है. यह परिघटना पूर्णिमा के दौरान होती है.पृथ्वी की तरह ही चंद्रमा का आधा हिस्सा सूरज की रोशनी में प्रकाशित रहता है. पूर्ण चंद्र की स्थिति तब बनती है जब चंद्रमा और सूरज पृथ्वी के विपरीत दिशा में होते हैं. इससे रात में चंद्रमा तश्तरी की तरह नजर आता है. प्रत्येक चंद्र कक्षा में दो बार चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य दोनों के समान क्षैतिज तल पर होता है. अगर यह पूर्ण चंद्रमा से मेल खाती है तो सूरज, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीधी रेखा में आते हैं और चंद्रमा पृथ्वी की छाया से होकर गुजरेगा. इससे पूर्ण चंद्र ग्रहण होता है.

चंद्रमा के, छाया से गुजरने के दौरान चंद्र ग्रहण पृथ्वी के रात वाले हिस्से से दिखेगा. इस तरह 26 मई 2021 को ग्रहण देखने के लिए सबसे उपयुक्त स्थान प्रशांत महासागर के मध्य, ऑस्ट्रेलिया, एशिया के पूर्वी तट और अमेरिका के पश्चिमी तट में होंगे. अमेरिका के पूर्वी हिस्से से भी यह दिखेगा लेकिन आरंभिक चरण का ही चंद्र ग्रहण नजर आएगा. भारत में नॉर्थ ईस्ट, पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों और ओडिशा के तटीय इलाकों और अंडमान और निकोबार द्वीप से यह थोड़ी देर के लिये ही नजर आएगा. आईएमडी ने कहा, ‘भारत में पूर्वोत्तर के हिस्सों (सिक्किम को छोड़कर), पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों, ओडिशा के कुछ तटीय इलाकों और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में चंद्रोदय के ठीक बाद ग्रहण के पार्शियल फेज का समापन कुछ देर के लिये नजर आएगा.’

भारत में अगला चंद्र ग्रहण (lunar eclipse) 19 नवंबर को लगेगा.यह  एक आंशिक चंद्रग्रहण होगा. चंद्रोदय के ठीक बाद अरुणाचल प्रदेश और असम के सुदूर पूर्वोत्तर हिस्सों में बेहद कम समय के लिये आंशिक चरण नजर आएगा. चंद्र ग्रहण पूर्णिमा के दिन होता है जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है और जब तीनों एक सीध में होते हैं.ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहण का सूतक काल ग्रहण के 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है. परन्तु यह एक उपच्छाया (Penultimate) चंद्र ग्रहण है और भारत में यह कुछ जगहों से आंशिक दिखाई देगा. इसलिए इस चंद्रग्रहण का कोई यहां कोई सूतक काल नहीं होगा.

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