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एमएसएमई उद्यमियों के जीवन में नई खुशहाली लाने का किया जा रहा काम: योगी

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सिटी पोस्ट लाइव, लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वरोजगारपरक योजनाओं के अन्तर्गत विभिन्न इकाइयों को ऑनलाइन स्वरोजगार संगम कार्यक्रम में शुक्रवार को ऋण प्रदान किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना के कारण जब आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह प्रभावित हुई हैं उन स्थितियों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में अलग-अलग तबके के लिए आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी। आर्थिक पैकेज के इसी कार्यक्रम के अंतर्गत आज उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) विभाग द्वारा आज तीसरा बड़ा कार्यक्रम आयोजित हो रहा है।
उन्होंने कहा कि यह एक अभियान है जिससे कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम के क्षेत्र में कार्यरत सभी उद्यमियों के जीवन में एक नई खुशहाली लाने, उन्हें आत्मनिर्भरता के मार्ग पर अग्रसर करने के लिए चलाया जा रहा है। साथ ही सीएफसी के माध्यम से उन्हें नई तकनीक सिखाने और मार्केटिंग की सुविधा उपलब्ध कराने का भी अवसर उपलब्ध कराने का अभिनव प्रयास विभाग के द्वारा प्रारम्भ किया गया है। उन्होंने कहा कि कोरोना ने बड़े पैमाने पर हमारी अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है। सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं पूरा देश, पूरी दुनिया इससे प्रभावित है। इन स्थितियों में हमारे स्तर पर कोरोना संक्रमण को रोकने और आर्थिक गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए त्वरित गति से और कुछ नए प्रयोगों के साथ जो सार्थक प्रयास होगा उसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के एमएसएमई विभाग ने बेहतर प्रयास किया है। विगत 13 मई केन्द्रीय वित्त मंत्री सीतारमण ने आर्थिक पैकेज की घोषणा की और 14 मई को प्रदेश के एमएसएमई विभाग ने बैंक ऑफ बड़ौदा और प्रदेश की सभी बैंकों के साथ मिलकर बैंकर्स कमेटी के साथ बातचीत करके 57 हजार से अधिक एमएसएमई इकाइयों को 2002 करोड़ से अधिक का लोन वितरण का कार्य किया था। इस श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुए 26 जून को 1 लाख 35 हजार नई इकाइयों को 4,500 करोड़ के ऋण वितरण के कार्यक्रम को आगे बढ़ाया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज 58,743 नई इकाइयों को 2,447 करोड़ के ऋण के वितरण का कार्यक्रम सम्पन्न हो रहा है। 2,71,743 नई इकाइयों को अब तक 8,949 करोड़ का ऋण वितरण संपन्न हो जाएगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश का लक्ष्य 15 हजार करोड़ का है, अभी और प्रयास किए जाने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2,71,743 नई इकाइयों को जो यह ऋण वितरण का कार्य संपन्न हो रहा है, वह वास्तव में लाखों नौजवानों को रोजगार और स्वतः रोजगार के साथ भी जोड़ेगा। आत्मनिर्भर भारत के माध्यम से आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश सेवायोजन, रोजगार व स्वतः रोजगार की संभावनाओं को आगे बढ़ा रहा हैं। उन्होंने कहा कि जो आशंकाएं पहले व्यक्त की जा रही थीं कि राज्य में लगभग 40 लाख प्रवासी श्रमिक आएंगे उनके लिए उत्तर प्रदेश सरकार क्या कर पाएगी, इसका सबसे सही जवाब है कि उन श्रमिकों के स्वावलम्बन के लिए ‘आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश’ की योजना के अन्तर्गत हम सेवायोजन, रोजगार व स्वतः रोजगार के साथ उन प्रवासी श्रमिकों को जोड़ने का कार्य करेंगे। आज का यह कार्यक्रम इसी श्रृंखला में यहां पर आयोजित है।
मुख्यमंत्री ने प्रसन्नता जताते हुए कहा कि उत्पाद की ब्रांडिंग के साथ-साथ उसे बेहतर मार्केटिंग की सुविधा उपलब्ध हो सके, इसके लिए विभाग ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के साथ एमओयू पर भी हस्ताक्षर किए हैं। साथ ही, प्रदेश में नॉलेज और टेक्नोलॉजी के आदान-प्रदान के लिए एकेटीयू भी उनके साथ सहभागी बन रहा है। उन्होंने कहा कि यह पहली बार है जब हम अपनी संस्थाओं को बेहतर मंच दे रहे हैं और उनका उपयोग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के हमारे तकनीकी विश्वविद्यालय एकेटीयू ने एक बेहतर नॉलेज पार्टनर के रूप में अपने आपको साबित किया है। कोरोना काल में भी जब भी राज्य को, किसी अन्य विभाग को आवश्यकता पड़ी तो एकेटीयू पूरी मजबूती के साथ वहां पर सहयोग करता हुआ दिखाई दिया है। आज एमएसएमई के साथ एकेटीयू का एमओयू इसी श्रंखला को आगे बढ़ाने की एक कड़ी है।
प्रदेश के परम्परागत उत्पाद को वैश्विक मान्यता प्राप्त हो सके, ‘एक जनपद-एक उत्पाद’ की हमारी कार्ययोजना उसी श्रृंखला का हिस्सा है। हर जनपद में हमारे पास कुछ न कुछ ऐसा उत्पाद है जिसकी हम मार्केटिंग व ब्रांडिंग कर सकते हैं और उस जनपद के साथ उसे एक नई पहचान दिला सकते हैं। इसके साथ ही इसके माध्यम से लाखों नौजवानों को स्थानीय स्तर पर ही रोजगार उपलब्ध करा सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 13 सीएफसी के शिलान्यास का कार्यक्रम यहां पर सम्पन्न हुआ और लगभग 6 सीएफसी का लोकार्पण भी सम्पन्न हुआ है। यह अपने आप में साबित करता है कि प्रदेश के स्थानीय उत्पादों को वैश्विक स्तर पर मान्यता दिलाने के लिए सीएफसी के माध्यम से टेक्नोलॉजी और बेहतर मार्केटिंग की सुविधा उपलब्ध कराने का एक प्रयास सरकार के स्तर पर प्रारंभ हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज उन्होंने आगरा, सम्भल, सिद्धार्थनगर, सहारनपुर के जनपदों से सीधा संवाद भी किया है। यह प्रदेश के अलग-अलग कोने में हैं, एक पूरब में है, दो मध्य में हैं, एक पश्चिम में हैं। यह इस बात को साबित करता है कि प्रदेश के अलग-अलग कोने में अलग-अलग जगह अलग-अलग प्रकार की सम्भावनाएं मौजूद हैं। यह प्रदेश की ऊर्जा और प्रतिभा को भी आगे बढ़ाने का एक मंच बनेगा। इस माध्यम से हम अपने स्थानीय उत्पाद को प्रमुखता के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आगे बढ़ाने का कार्य करेंगे।

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