आरजेडी छोड़कर आने पर नीतीश कुमार ने श्याम रजक को काफी सम्मान दिया.मंत्री बनाया और खुलकर काम करने की छूट भी दी. लेकिन अब श्याम रजक को लगने लगा है कि वह चार दिन की चांदनी थी ,आगे अँधेरा ही अँधेरा है.अब पार्टी में उन्हें सही सम्मान नहीं मिल रहा ..
सिटी पोस्ट लाईव: जेडीयू विपक्ष और बीजेपी के निशाने पर तो है ही साथ ही पार्टी के अन्दर भी असंतुष्ट नेताओं की संख्या बढ़ती जा रही है.जेडीयू में आज की तारीख में सबसे बड़े नेता केवल श्याम रजक ही बचे हैं और वो भी खफा हैं.श्याम रजक को अब लगाने लगा है कि जेडीयू में उनको वह स्थान और सम्मान नहीं मिल रहा है,जो पहले था.
गौरतलब है कि श्याम रजक कभी लालू यादव के बेहद करीबी हुआ करते थे.लेकिन तब रामकृपाल यादव के साथ मोर्चा खुल जाने के कारण उन्होंने आरजेडी को छोड़ कर जेडीयू का दामन थाम लिया था.उस समय नीतीश कुमार ने श्याम रजक को काफी सम्मान भी दिया.मंत्री बनाया और खुलकर काम करने की छूट भी दी. लेकिन अब श्याम रजक को लग रहा है कि वह चार दिन की चांदनी थी ,आगे अँधेरा ही है.
दूसरे जेडीयू के असंतुष नेता जेडीयू के प्रधान प्रवक्ता संजय सिंह हैं.इसबार एमएलसी का उनका टिकेट भी कट गया और आजतक मंत्री बनने का उनका सपना भी पूरा नहीं हुआ.संजय सिंह पार्टी में दूसरे नए राजपूत नेताओं को ज्यादा तरजीह देने से बेहद नाराज हैं.सूत्रों के अनुसार पार्टी के ज्यादातर यादव बिरादरी से आनेवाले नेता विधायक बीजेपी के साथ जाने से खुश नहीं हैं.उन्हेंइसबार यादव बिरादरी के वोट नहीं मिलाने की चिंता सता रही है.वो लगातार पार्टी नेत्रित्व पर बीजेपी का साथ छोड़ने का दबाव बनाए हुए हैं.जेडीयू के अल्पसंख्यक नेता भी लालू यादव के पक्ष में इसबार अपने समाज की गोलबंदी से डरे सहमे हुए हैं.
पार्टी के कुछ नेता निकट भविष्य में आरजेडी का दामन थाम सकते हैं.आरजेडी के एक वरीय नेता के अनुसार जेडीयू से नाराज चल रहे जनाधार वाले नेताओं के संपर्क में पार्टी है .लेकिन जेडीयू के नेता इसे महज अफवाह बता रहे हैं और आरजेडी के कई नेताओं के अपने समपर्क में बने होने का दावा कर रहे हैं.
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