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राहुल गांधी एकबार फिर किसानों को ठगने का मन बना चुके हैं: गिलुवा

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राहुल गांधी एकबार फिर किसानों को ठगने का मन बना चुके हैं: गिलुवा
सिटी पोस्ट लाइव, रांची: भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा किसानों की कर्ज माफी के वादे पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वे एकबार फिर मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की तर्ज पर किसानों को ठगने का मन बना चुके हैं।
गिलुवा ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस सरकार ने किसानों को कितनी सख्त शर्तों के साथ कर्जमाफी दी थी, यह पूरा देश देख चुका है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ चुनाव के समय जब राहुल गांधी मंच से किसानों की कर्ज माफी की बात कर रहे थे तो हर किसान ये सोच रहा था कि उसका दो लाख रुपए तक का कर्ज माफ होगा लेकिन उसे क्या पता था कि ये खुशी सिर्फ चुनिंदा किसानों को ही नसीब होगी और अधिकांश किसान इस दायरे से बाहर रहेंगे। गिलुवा ने बताया कि यहां जिन शर्तों की बात की जा रही थी वह कर्ज की रकम से लेकर बैंकों तक को लेकर था। यानी कितना कर्ज माफ होगा, कितनी तारीख तक का कर्ज माफ होगा और किस तरह का कर्ज माफ होगा। इसके अलावा कौन से बैंक से ये लिए गए कर्ज माफ किए जाएंगे और कौन से नहीं, ये भी सरकार की शर्तों में शामिल था। अपना पूरा कर्ज माफ होने की सोचकर किसानों ने कांग्रेस को जिता तो दिया लेकिन जब इन शर्तों की लिस्ट उनके सामने आई तो किसानों का गुस्सा भी उबाल पर आ गया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने किसानों के सिर्फ अल्पकालीन कृषि ऋण को ही माफ किया है जो कि महज 20 से 30 हजार रुपए का होता है, जो खेतों की जमीन की निराई-गुड़ाई जैसे काम के लिए किसान कर्ज लेता है। उन्होंने कहा कि दीर्घकालीन कर्ज, जिससे किसान कृषि उपकरण, टैक्‍टर-ट्रॉली, हार्वेस्‍टर आदि कल-पुर्जे खरीदते हैं, जिसे तीन से पांच साल या उससे अधिक अवधि में चुकाना होता है या फसल कर्ज, जिसकी अवधि बुवाई से कटाई तक की होती है। इसका इस्‍तेमाल बुवाई के दौरान बीज, फर्टिलाइजर, और दवा आदि खरीदने के लिए होता है। इन सारे कर्ज़ों की माफी क्यों नहीं कि गई थी, यह राहुल गांधी को किसानों को बताना चाहिए। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश और छत्‍तीसगढ़ के कर्ज न चुका पाने वाले ज्‍यादातर किसान दीर्घकालीन और फसल लोन लेकर बैठे थे लेकिन कर्ज माफ और बिजली बिल हाफ का नारा देने वाली कांग्रेस की सरकार ने सिर्फ अल्‍पकालीन लोन माफ किया। बाकी दोनों तरह के कर्ज का दायरा कहीं ज्‍यादा बड़ा और गंभीर था जिसे न चुका पाने वाले किसानों की स्थिति ज्‍यादा चिंताजनक थी। गिलुवा ने बताया कि अधिकतर किसान कृषि लोन के मामले में ही डिफॉल्टर होते हैं क्योंकि कभी बारिश अधिक होने, तो कभी सूखा पड़ने से फसल नुकसान हो जाता है और वे कर्ज नहीं चुका पाते। गिलुवा ने कहा कि जब चुनाव से पहले कांग्रेस ने कर्ज माफी की पेशकश की तो किसानों के मन में ये उम्मीद जगी कि अब उनके दुख दूर होंगे। उनके सिर पर जो कर्ज है, वह माफ हो जाएगा लेकिन जिस तरह चुपके से कांग्रेस ने कर्ज माफी के आदेश में नियम व शर्तें घुसा दी हैं, उससे किसान ठगा हुआ महसूस करने लगे। अब तो राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के झूठे वायदों को पूरा देश समझ चुका है।

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