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पक्ष-विपक्ष ने छठपर्व को लेकर जारी गाइडलाइन में संशोधन की मांग की

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सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड सरकार की ओर से छठ महापर्व को लेकर जारी गाइडलाइन में लोगों से अपने घरों में अर्घ्य देने की अपील की गयी है और कोरोना संक्रमण के फैलाव पर अंकुश को लेकर नदी, तालाब और अन्य छठ घाटों में  छठ करने पर रोक लगा दी गयी है। सरकार के इस फैसले के खिलाफ सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के अलावा मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी की ओर से जारी दिशा-निर्देश पर पुनर्विचार करते हुए संशोधन का आग्रह किया गया है। भाजपा सांसदों-विधायकों ने सोमवार को रांची के बटन तालाब में जल हठ योग कर विरोध दर्ज कराया।  रांची के सांसद संजय सेठ, रांची के विधायक सीपी सिंह, हटिया विधायक नवीन जायसवाल, कांके विधायक समरी लाल और डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने बटम तालाब में कमर से भी ऊपर पानी में करीब एक घंटे तक रह कर अपना विरोध दर्ज कराया। भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया है कि हेमंत सरकार हिंदू आस्था पर कुठाराघात कर रही है।

पूर्व मंत्री सह रांची विधायक सीपी सिंह ने कहा कि बेरमो और दुमका मे कोरोना नहीं था,  जनाजा निकालने में भीड़ नहीं होती है,  रिसालदार बाबा के दरबार पर चादर चढ़ाते हैं तब कोरोना नहीं फैलता है। लेकिनछठ व्रत आते ही कोरोना बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि हिंदू आस्था के साथ खिलवाड़ कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ये आस्था पर चोट है सरकार अपनी गाइडलाइन वापस लेनी ही होगी। भाजपा सांसद संजय सेठ ने कहा कि सरकार तुष्टीकरण की राजनीति एक खास वर्ग को खुश करने के लिए कर रही है। हेमंत सरकार हिंदुओं के साथ इतना दुर्व्यवहार क्यों कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार सभी को घर में रहकर छठ करने के लिए कर रही है तो सभी के घर के आगे जलाशय बनवा दे। ये बताए कि उस जलाशय में पानी कहां से आएगा। पीने का पानी तो सरकार से दिया नहीं जा रहा। विधायक नवीन जायसवाल ने कहा कि जब बिहार में जलाशय में छठ करने की अनुमति मिल सकती है तो झारखंड में क्यों नहीं।

इधर, झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव विनोद कुमार पांडेय ने भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलकर राज्य सरकार से छठ महापर्व से संबंधित सरकारी निर्देश पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि चार दिनों तक चलने वाले इस महापर्व से   जुड़ी लोक आस्था के कारण राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों पर पुनर्विचार की आवश्यकता है। उन्होंने राज्य सरकार से अपील की कि छठ महापर्व के दौरान सीमित संख्या में छठ व्रतियों को घाट पर जाकर सूर्यदेव की उपासना के लिए अनुमति प्रदान करने की स्वीकृति मिले।

उधर, प्रदेश कांग्रेस ने भी  छठ महापर्व को लेकर राज्य सरकार से आग्रह किया है कि कुछ संशोधनों के साथ छठ वर्तियों को नदी, तालाबों एवं छठ घाटों पर लोक आस्था के महान पर्व को मनाने की आनुमति दी जाए, छठ पर्व की मान्यताओं के अनुसार कोरोना वैश्विक महामारी का सफाया हो जाएगा। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे  ने राज्य सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का भाजपा के कुछ नेताओं द्वारा विरोध किये जाने को राजनीति से प्रेरित बताते हुए राज्य सरकार से मांग की है कि अन्य पर्व-त्योहार की भांति सीमित संख्या में छठव्रतियों को छठ घाट जाकर पूजा करन की अनुमति दी जाए।

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