प्रशासनिक तंत्र जितना बेहतर काम करेगा लोगों का भरोसा और बढ़ेगा : नीतीश
सिटी पोस्ट लाइव : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज मंगलवार को अधिवेशन भवन में बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसायटी द्वारा बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के क्रियान्वयन के दो वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन किया। कार्यक्रम के दौरान इसके संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई है। चित्र प्रदर्शनी में विभिन्न जिले के मामले को भी प्रदर्शित किया गया। बिहार प्रशासनिक सुधार की दिशा में बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम एक प्रभावी कदम है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 15 अगस्त 2011 को प्रशासनिक सुधार के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण लोक सेवा का अधिकार का कानून लागू किया गया। जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, आवासीय प्रमाण पत्र, आचरण प्रमाण पत्र सहित कई प्रकार की सेवाओं के लिए लोगों को जिला, अनुमंडल, प्रखंड, अंचल तक लगातार चक्कर काटना पड़ता था लेकिन जब से बिहार लोक सेवा के कानून को लागू किया गया, तब से लोगों को इसमें सहुलियत हुई।
सीएम ने कहा कि लोक सेवा अधिकार कानून के तहत दी जा रही सुविधाओं में व्यापक सुधार हुआ। मई 2018 तक 18 करोड़ 81 लाख लोगों को लोक सेवा अधिकार कानून के तहत सेवा प्रदत्त की गई। लोक सेवा का अधिकार कानून के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए अनेक राज्य के अधिकारीगण आए। कर्नाटक के भी मंत्री आए और अपने राज्य में इसको लागू किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि नवंबर 2005 में सत्ता संभालने के बाद से ही वर्ष 2006 से जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम शुरु किया। प्रशासन तंत्र निचले स्तर से लेकर उच्च स्तर तक के सभी अधिकारी जनता के दरबार कार्यक्रम में हर सप्ताह के निर्धारित दिन को शामिल होते थे। सप्ताह में सोमवार का दिन जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के लिये निर्धारित किया गया था। लगभग 8-9 वर्षों तक इस कार्यक्रम को लगातार चलाया गया। इस दौरान मैंने यह अनुभव किया कि लोगों की शिकायत का कुछ हद तक तो समाधान तो हो रहा है लेकिन शिकायत के निवारण की गारंटी नहीं थी।
सीएम ने कहा कि हमने लोगों की शिकायत का अपने अधिकारियों से अध्ययन कराया तो देखा कि इसमें 40 प्रतिशत के आस पास ही निराकरण हो रहा था। तब मन में यह बात आयी कि इसके लिए कानून बनाया जाना चाहिए और अंततः 05 जून 2016 से बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम को क्रियान्वित कर लोगों को अपनी शिकायतों के निवारण का कानूनी अधिकार दिया गया। इस कानून के तहत 04 क्षेत्रों को अलग रखा गया, जिसमें सूचना के अधिकार के अंतर्गत आने वाले विषय, सरकारी सेवा संबंधी सेवा से जुड़े मामले, लोक सेवा अधिकार कानून के अंतर्गत जुड़े विषय, न्यायपालिका में चल रहे मामले शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम को क्रियान्वित करने के लिए लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी की नियुक्ति के साथ-साथ तकनीक की जरुरत को पूरा किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशासनिक सुधार के क्षेत्र में इस कानून के आने से एक बहुत बड़ा काम हुआ है। प्रषासनिक तंत्र जितना सुदृढ़ होगा लोगों का लोकतंत्र में विष्वास बढ़ेगा। समस्याओं के समाधान होते रहने से लोगों में संतोष का भाव आएगा। बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत दो वर्ष में 3 लाख 25 हजार लोगों ने आवेदन दिया है। लोगों को प्रचार के माध्यम से ठीक ढंग से लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के बारे में जानकारी दी जाए ताकि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें। क्षेत्रीय शब्दों में और सहज भाषा में लोगों को जानकारी दी जानी चाहिए। सफल परिवादियों के द्वारा आपबीती अनुभवों को लोगों के बीच में बताया जाना चाहिए। गांव, टोला मोहल्ला तक यह काम सिलसिलेवार चलते रहना चाहिए। टीवी, समाचार पत्रों, सोशल मीडिया का उपयोग कर इस कानून के बारे में लोगों को अधिक से अधिक जानकारी दी जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिकायतों के आंकड़ों के विश्लेषण से यह पता चलता है कि ज्यादातर मामले भूमि विवाद एवं पुलिस विभाग से संबंधित है। 35 से 40 प्रतिशत मामले भूमि विवाद से संबंधित हैं। भूमि विवाद से संबंधित मामलों के निपटारे के लिए सर्वे सेटेलमेंट का काम किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जमीन का रसीद, गलत बिजली बिल, राशन कार्ड जैसी अनेक समस्याओं का समाधान इस कानून के द्वारा किया गया। इन सब चीजों से लोगों के मन में संतोष का भाव पैदा हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिकायतों का निराकरण तो किया ही जा रहा है लेकिन यह विश्लेषण करने की जरुरत है कि शिकायत की नौबत ही नहीं आए। इसके लिए विभागों के सिस्टम को दुरुस्त करना होगा। विश्लेषण कर आंतरिक व्यवस्था को सुधारना होगा। हमारी ऐसी कोशिश हो कि लोगों की कम से कम शिकायतें हो। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक तंत्र जितना बेहतर, प्रभावशाली और सक्षम ढंग से काम करेगा लोगों का भरोसा और बढ़ेगा।
Comments are closed.