मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस : अब सुप्रीम कोर्ट खुद करेगी जांच की मोनिटरिंग
सिटी पोस्ट लाइव : मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. गुरुवार को इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि -“अब वो खुद इस मामले की जांच की मॉनिटरिंग करेगी. इसके साथ ही कोर्ट ने मीडिया रिपोर्टिंग पर लगी रोक को भी हटा दिया है. लेकिन कोर्ट ने इंटरव्यू पर लगी रोक को बरकारार रखा है और साथ ही चेहरा दिखाने पर भी पाबंदीे रहेगी.
इसके साथ ही कोर्ट ने बिहार सरकार को आदेश दिया है कि, जिन लड़कियों को ब्रजेश ठाकुर संचालित शेल्टर होम से कहीं और शिफ्ट किया गया है उस बारे में हलफनामा दायर करें. वहीँ सुप्रीम कोर्ट ने मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर पर सख्ती दिखाते हुए आइटी विभाग से उसकी संपत्ति की जांच करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने चंद्रशेखर, मंजू वर्मा के अवैध हथियार की जांच करने का आदेश देते हुए बिहार सरकार के दिए गए साढ़े चार करोड़ रुपये अनुदान की भी जांच करने को कहा है. बता दें सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में पटना हाईकोर्ट के उस आदेश को रद कर दिया था, जिसमें नई जांच टीम बनाने की बात कही गई थी.
गौरतलब है कि मुंबई की टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस की ‘कोशिश’ टीम की सोशल ऑडिट रिपोर्ट में सामने आया था कि बालिका गृह में रहने वाली बच्चियों के साथ दुष्कर्म हुआ है. 100 पेज की सोशल ऑडिट रिपोर्ट को टीम ने 26 मई को बिहार सरकार और जिला प्रशासन को भेजा. इसके बाद बालिका गृह से 44 किशोरियों को 31 मई को मुक्त कराया गया. इनको पटना, मोकामा और मधुबनी के बालिका गृह में भेजा गया. जांच रिपोर्ट में 34 बच्चियों के साथ यौन शोषण की पुष्टि हुई. बालिका गृह का संचालन कर रही एनजीओ के लोग बच्चियों के साथ रेप करते थे. इस कांड में नेताओं की भागीदारी की बात भी सामने आई थी.मामले में ब्रजेश ठाकुर, बालिका गृह की अधीक्षिका इंदू कुमारी समेत 9 लोगों को जेल भेजा जा चुका है. इस मामले में पटना हाइकोर्ट सीबीआइ के जांच की मॉनिटरिंग कर रहा है. सीबीआइ ने हाइकोर्ट को अबतक दो स्टेटस रिपोर्ट्स सौंपी है. वहीं हाइकोर्ट ने इस मामले की मीडिया रिपोर्टिंग पर भी रोक लगा दी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है.
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