सिटी पोस्ट लाइव :सबकी नजर 10 अक्टूबर को दिल्ली में होने जा रहे (Bihar Politics) RJD के राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्वाचन पर टिकी है.सूत्रों के अनुसार पार्टी का संगठनात्मक चुनाव इस बार खास होने जा रहा है.पहली बार दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होगा. 12वीं बार लालू यादव का निर्विरोध अध्यक्ष फिर चुना जाना तय है.पांच जुलाई 1997 को पार्टी की स्थापना के समय से ही कमान लालू के हाथ में है. बार-बार निर्विरोध चुने जाते रहे हैं.
इस बार लालू के गिरते स्वास्थ्य को देखते हुए तेजस्वी यादव को कमान सौंपने की तैयारी कर ली गई थी, मगर भाजपा के खिलाफ देश भर के विपक्षी दलों को एकजुट करने का अभियान चला तो देश का राजनीतिक तापमान चढ़ने लगा है तो लालू यादव की जरुरत मह्सुश होने लगी है. हालांकि, परोक्ष रूप से राजद की पूरी कमान तेजस्वी यादव को सौंप दी गई है. राजद के सारे बड़े निर्णय अब वही लेते हैं, लेकिन प्रत्यक्ष तौर पर लालू का नाम चलाते रहने की तैयारी है.
लालू प्रसाद की राष्ट्रीय छवि है. उनकी देशव्यापी स्वीकार्यता है.राजद में एक ऐसा भी खेमा है जो लालू की सेहत और उम्र का हवाला देकर तेजस्वी को आगे करने का पक्षधर है, लेकिन सूत्रों का दावा है कि तेजस्वी स्वयं भी इसके लिए तैयार नहीं हैं. इसकी वजह है कि लालू ने उन्हें सारे निर्णय का अधिकार दे रखा है. ऐसे में उपलब्धियां तो उनके खाते में आ ही रही हैं. लोक सभा चुनाव में एकबार फिर लालू यादव किंग मेकर की भूमिका में आ सकते हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी जब इटली से लौटेंगी तो नीतीश के साथ लालू यादव के साथ मिलने जाएंगे. अन्य विपक्षी दलों के बड़े नेताओं के भी वह संपर्क में हैं. विपक्षी दलों की एकता में लालू को दो फायदे नजर आ रहे हैं।.एक अरसे बाद वह फिर से राष्ट्रीय स्तर की राजनीति कर सकेंगे और दूसरा नीतीश के केंद्रीय राजनीति में सक्रिय होने के बाद तेजस्वी के हाथ में बिहार सौंपने में भी सफलता मिल सकती है.
Comments are closed.